रांची/गोड्डा, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड की कोयला खदान धंसने की घटना में शनिवार को पांच और शव बरामद किए गए, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।
गोड्डा के पुलिस अधीक्षक हरिलाल चौहान ने शनिवार को आईएएनएस को बताया, “शनिवार को पांच और शव बरामद किए गए। बचाव कार्य जारी है। अभी कुछ और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।”
उन्होंने कहा कि सभी मृतकों की पहचान कर ली गई है इसमें सभी अधिक बिहार अैार मध्यप्रदेश के रहने वाले थे। मृतकों में दो मजदूर झारखंड के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
शुक्रवार को 11 शव निकाले गए थे।
इधर, माइंस सिक्युरिटी के डिप्टी डायरेक्टर उत्पल साहा घटना की जांच करने शनिवार को घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिना जांच किए पूरी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि कई वैज्ञानिक जांच किए जाते हैं।
इधर, आउटससोर्सिग कंपनी ने घटना के समय खदान में मौजूद अपने 17 मजदूरों की एक सूची अनुमंडल पदाधिकारी को सौंपी है।
यह दुर्घटना गुरुवार रात लगभग 7़30 बजे ईस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड (ईसीएल) की खदान में हुई।
मृतकों के परिजनों ने शनिवार को घटनास्थल पर ईसीएल के साइट प्रबंधक प्रमोद कुमार सिंह को बंधक बना लिया। हालांकि पुलिस तीन घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें छुड़ाने में सफल रही।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि ईसीएल राजमहल परियोजना के ललमटिया क्षेत्र में पिछले 10 सालों से खुदाई का काम चल रहा था। इस कारण इसे ‘डीप माइनिंग’ के नाम से जाना जाता है। तीन दिन पहले ईसीएल के अधिकारी परियोजना इस परियोजना का निरीक्षण किया था।
आरोप है कि खदान में बीते एक माह से लैंड स्लाइडिंग की घटना हो रही थी, इसके बावजूद इसके ईसीएल प्रबंधन ठेकेदार महालक्ष्मी प्रबंधन द्वारा जबरन कोयला उत्खनन का कार्य जारी रखा गया। दुर्भाग्य से गुरुवार को भी लैंड स्लाइडिंग हुई थी। इसे लेकर कार्यरत कामगारों ने काम करने से मना कर दिया।
इसके बाद भी ईसीएल के प्रबंधक प्रमोद कुमार सिंह ने घटना से लगभग एक घंटा पूर्व संध्या गश्ती के दौरान कार्य को चालू रखने का आदेश दिया।
इधर, अनुमंडल पदाधिकारी संजय पांडेय ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य में शनिवार को श्वान दस्ते को भी लगाया गया है। उन्होंने माना कि क्षेत्र में कोहरे के कारण राहत और बचाव कार्य धीमा है। उन्होंने कहा कि अभी लगातार राहत कार्य जारी रहेंगे।
राज्य सरकार और विशेषज्ञों के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और ईसीएल का सहायक दल, भारत कुकिंग कोल लि़ (बीसीसीएल) बचाव कायरे में लगे हुए हैं।
कोयला मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, माइन्स सेटी के महानिदेशक के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।