रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर नोटबंदी के 50 दिन की समाप्ति पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि पूरा देश केवल लाइनों में खड़ा रहा और प्रधानमंत्री कालाधन ढूंढते रहे। अच्छे दिन तो केवल नरेंद्र मोदी के के आए हैं, जिन्हें दिन में 4-4 सूट बदलने का अवसर मिला और विश्व भ्रमण में नंबर वन का रिकार्ड बनाने वाले प्रधानमंत्री कहलाए।
मसूद अहमद ने कहा कि नोटबंदी के कारण प्रदेश का किसान अपनी फसल की बुवाई नहीं कर सका। मजदूरों को मजदूरी मिलना कठिन हो गया। हजारों उद्योग धंधे बंद हो गए और मजदूरों को अपना व परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया। लेकिन मोदी हर भाषण में अपनी पीठ थपथपा रहे हैं और जुमला फेंक रहे हैं कि देश के सवा सौ करोड़ लोग उनके साथ हैं।
रालोद नेता ने कहा कि मोदी के फैसलों ने देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे को तहस-नहस कर दिया। उनके मन की बात आज तक समझ में नहीं आई कि वह देश को कहां ले जाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि विगत 50 दिनों में कोई भी धन्नासेठ बैंक की लाइनों में नहीं दिखाई पड़ा, क्योंकि नए नोटों की गड्डियां उन्हें पहुंचाई जा रही है। यही नहीं, इसी नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री की रैलियों पर हजारों करोड़ रुपये भाजपा खर्च कर रही है। आखिर इन पर खर्च किए जा रहे नोट क्या पुराने हैं या सफेद हैं या कैशलेस पेमेंट हो रहा है? इसका खुलासा होना चाहिए।
अहमद ने कहा कि उनके पास तो लव जेहाद, सर्जिकल स्ट्राइक, तीन तलाक जैसे नए नए शगूफे रहते हैं। पता नहीं, देश की जनता का ध्यान इन सब लच्छेदार भाषणों से कब तक भटकाते रहेंगे।
उन्होंने कहा, “चौधरी चरण सिंह के सपनों का देश बनाने के लिए हम कृतसंकल्प हैं और किसान हितों की अनदेखी करने वालों का असली चेहरा जनता के सामने लाना हमारा कर्तव्य है।”