
ये कुछ वैसे ही होगा जैसे यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा कर बहुमत प्राप्त किया था और अब जबकि लोकसभा चुनाव आ रहे हैं ऐसे में उनको एक बार फिर उन वादों कि याद आयी है| इसके पीछे वजह भी वाजिब है आखिर उनके पिता मुलायम सिंह यादव को पीएम बनाने के लिए कम से कम 30-40 सांसदों कि जरुरत है और सूबे में इस समय सपा विरोधी लहर चल रही है ऐसे में जनता को कोई झुनझुना जो देना है और ऐसे में ये कार्रवाई ट्रम्प कार्ड हो सकती है| वैसे तो पूर्व सरकार के कई मंत्री जेल जा चुके हैं लेकिन उनके जेल जाने का श्रेय सपा को नहीं मिला बल्कि महफ़िल लोकायुक्त एन के मल्होत्रा ने लूट ली|
इन पूर्व मंत्रियों को जाना पड़ा जेल
मायाराज में वैसे तो कई घोटाले हुए लेकिन उनमें से लैकफेड, एनआरएचएम और स्मारक घोटाले ने सबसे अधिक चर्चा बटोरी और यही माया राज के पतन के कारण भी बने| लैकफेड घोटाले में जहाँ पूर्व मंत्री मंत्री बादशाह सिंह, चन्द्रदेव राम यादव और रंगनाथ मिश्र को जेल जाना पड़ा। वहीँ एनआरएचएम घोटाले के आरोप में बाबू सिंह कुशवाहा जेल में हैं इस पूर्व मंत्री पर लैकफेड घोटाले में शामिल होने के चलते भी वारंट भी जारी हुआ। वहीँ अब नसीमुद्दीन और कुशवाहा पर स्मारक घोटाले का भी मामला चलेगा|
कुशवाहा पर क्यों गिरी गाज
बाबू सिंह कुशवाहा पिछली सरकार के दौरान ही घोटाले के आरोप में घिर चुके थे| विधान सभा चुनाव के ठीक पहले उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी लेकिन दबाव के चलते उन्होंने बीजेपी से किनारा कर लिया| यहाँ सपा ने रणनीति के तहत उनके भाई और पत्नी को पार्टी की सदस्यता दे दी| अब उनकी पत्नी गाजीपुर से सपा की उम्मीदवार है। विरोधी आरोप लगा रहे थे कि सपा और कुशवाहा के बीच मोटा माल लेकर डील हुई है| ऐसे में कुशवाहा और नसीमुद्दीन पर मामला दर्ज होने कि खबर आने के बाद ये साबित होता है कि सपा सन्देश ये देना चाहती है कि कुशवाहा से उसका कोई लेना देना नहीं है|
इन पर भी कसेगा शिकंजा
माया सरकार के दौरान भ्रष्टाचार में शामिल रहे पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी, रंगनाथ मिश्र, अवधपाल सिंह यादव, बादशाह सिंह, रामवीर उपाध्याय, चन्द्रदेव राम यादव और रामअचल राजभर की कई मामलों में जांच चल रही है| अब जल्द ही इनपर मुकदमे दर्ज होने वाले हैं|