नई दिल्ली, 26 दिसम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वत लेने के आरोपी पूर्व वायुसेना (आईएएफ) प्रमुख एस.पी.त्यागी को सोमवार को जमानत दे दी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश अरविंद कुमार ने त्यागी की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें दो लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही जमानत राशि भरने के निर्देश दिए।
त्यागी को नौ दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने कहा, “त्यागी 18 दिनों तक हिरासत में रहे। उन्हें जेल में रखकर किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी।”
न्यायाधीश ने त्यागी (72) की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें जमानत दे दी।
त्यागी 2004 से 2007 तक वायु सेना प्रमुख रहे।
अदालत ने 10 पन्नों के अपने आदेश में कहा, “आरोपी की आयु 72 साल है। वे दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप, नेत्र रोग से पीड़ित हैं। उन्हें तीन जुलाई, 1993 को दिल का दौरा भी पड़ चुका है और दिसंबर 1995 को उनकी बाइपास सर्जरी हुई है, जिसके बाद नियमित तौर पर चिकित्सकीय देख रेख में हैं।”
अदालत ने त्यागी को बिना पूर्व अनुमति के दिल्ली से बाहर नहीं जाने और जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने उन्हें साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने और गवाहों को प्रभावित नहीं करने की भी चेतावनी दी।
अदालत ने कहा कि मामला दस्तावेजों पर आधारित है। वह पहले ही जांच से जुड़ गए हैं। सीबीआई ने उनसे हिरासत में पूछताछ भी की है।
अदालत ने कहा, “आरोपी ने रिश्वत ली या नहीं या वह किस तरह मामले से जुड़े हुए हैं, इसका फैसला सुनवाई के दौरान होगा।”
अदालत ने सीबीआई की इस आशंका को निराधार माना है कि त्यागी साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं या गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
त्यागी और दो अन्य को नौ दिसंबर को गिरफ्तार किया था। उन्हें 30 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
वह देश में किसी भी सशस्त्रबल के पहले प्रमुख हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। त्यागी और दो अन्य को ब्रिटेन की कंपनी अगस्तावेस्टलैंड से 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद में कथित अनियमितता के लिए गिरफ्तार किया गया।
त्यागी ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया है। इस मामले में दो अन्य आरोपियों ने भी जमानत की अपील की है।
अदालत ने अन्य दोनों आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला चार जनवरी, 2017 तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि त्यागी तथा अन्य आरोपियों ने 53 करोड़ डॉलर के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर का ठेका दिलाने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से रिश्वत ली। ये हेलीकॉप्टर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा अन्य वीवीआपी लोगों को लाने ले जाने के लिए खरीदे जाने वाले थे।
जांच एजेंसी ने कहा है कि आरोपियों ने उस कंपनी का पक्ष लिया और परामर्श सेवाओं के नाम पर विभिन्न कंपनियों के माध्यम से अवैध रकम ली।
आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी व प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत 12 मार्च, 2013 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
अदालत ने कहा था कि तीन साल और नौ महीने की जांच के दौरान सीबीआई रिश्वतखोरी के आरोप को साबित करने में नाकाम रही है।