लखनऊ– कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई रीता बहुगुणा जोशी की स्थिति कांग्रेस की नेशनल लीडर हुआ करती थी लेकिन अब उनकी हैसियत भाजपा में किसी छोटे मोटे नेता जैसी है .
बीजेपी परिवर्तन यात्रा के समापन में रीता जोशी की खूब अपमान हुआ है . बीजेपी के एक नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा रथ पर चढ़ने वाली लिस्ट में रीता जोशी का नाम नहीं था.
मोती महल लाॅन के पास बने मंच पर रीता जोशी को घुसने की जगह तक नहीं मिल पाई, जिससे वो बाहर ही रहकर अन्य विधायकों के साथ वहां इंतजार करने लगी जबकि रथ पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, कलराज मिश्रा, उमा भारती, मेयर दिनेश शर्मा, राष्ट्रीय मंत्री एमएलसी महेंद्र सिंह, और प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य मौजूद रहे.
वहीं, दूसरे रथ पर चढ़ने के लिए अन्य केंद्रीय मंत्रियों में साध्वी निरंजन ज्योति, जैसे अन्य नेताओं मंत्रियों को आॅथोराइज किया गया.
इसके अलावा राष्ट्रीय पदाधिकारी में शामिल हुए बृजेश पाठक भी रहे, अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नेता व राष्ट्रीय पदाधिकारियों को रखा गया.
तीसरे रथ में राष्ट्रीय सदस्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व अन्य महत्वपूर्ण नेता रहे. इनमें मुख्य रूप से स्वाती सिंह, स्वामी प्रसाद मौर्य और अन्य नेता रहे. इन्हीं में से दूसरे रथ पर सवार होने के लिए रीता जोशी आगे बढ़ीं, लेकिन उनका नाम न होने की वजह से उन्हें बीजेपी के शीर्ष नेताओं और सुरक्षा में लगे लोगों ने उतार दिया .
इसके बाद वह पीछे के चौथे रथ में चढ़ी, लेकिन फिर वो किसी कारण से उतर गईं. वहां मौजूद सूत्रों ने बताया कि उन्हें काफी बुरा लगा, जब वो ऊपर बान्याल के साथ खड़ी हुई तो उनको किसी ने पूछा नहीं.
ऐेस में वहां पहले से मौजूद महिला राष्ट्रीय पदाधिकारी अपने को असहज महसूस कर रही थीं, जिससे उन्हीं से कुछ बातचीत हुई और रीता जोशी उस से भी उतर गईं.
इसके पहले वाले रथ से जब उनको उतारा गया तो वो काफी उदास दिखीं, लेकिन अपने को रोकते हुए आगे बढ़ी और चौथे रथ पर सही रिस्पॉन्स मिलने से वो अन्य किसी गाड़ी से हजरतगंज में दिखीं.