नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)। लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कॉमोडिटी) एक्ट 2011 के प्रावधानों से लूज गारमेंट्स को राहत दी गई है। दी क्लोदिंग मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीमएआई) के अध्यक्ष राहुल मेहता ने लूज गारमेंट उद्योग को पैकेज्ड कॉमोडिटी एक्ट से राहत का स्वागत करते हुए कहा कि भारत सरकार का यह कदम वस्त्र उद्योग के लिए क्रांतिकारी है।
नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)। लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कॉमोडिटी) एक्ट 2011 के प्रावधानों से लूज गारमेंट्स को राहत दी गई है। दी क्लोदिंग मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीमएआई) के अध्यक्ष राहुल मेहता ने लूज गारमेंट उद्योग को पैकेज्ड कॉमोडिटी एक्ट से राहत का स्वागत करते हुए कहा कि भारत सरकार का यह कदम वस्त्र उद्योग के लिए क्रांतिकारी है।
उन्होंने कहा, “इससे व्यापार करने में आसानी होगी और इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिलेगी। यह प्रगतिशील कदम उठाने के लिए केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान बधाई के पात्र है।”
लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कॉमोडिटी) एक्ट 2011 में लूज गारमेंट के लिए स्पष्ट लेबलिंग दिशा निर्देश नहीं थे। इससे प्री. पैकेज्ड और लूज गारमेंट के बीच लेबलिंग की प्रक्रिया का डिमार्केशन करना एपरल रिटेलर्स के लिए मुश्किल था। इससे एपरल रिटेल शोरूम्स में निरीक्षण के दौरान अनायास अनेक परेशानी होती थी। दूसरी तरफ इस कानून का प्रावधान किसी भी गुनहगार के लिए अत्यंत कठोर था और इससे कंपनी के प्रबंधकों को सीधा जवाब तलब किया जाता था।
अब दिसंबर में घोषित की गई नई अधिसूचना के तहत इस कानून के प्रावधानों से लूज गारमेंट्स को मुक्ति दी गई है लेबलिंग नॉर्म सरल बनाया गया है। प्री.पैकेज्ड फार्म में ग्राहक को बेचे जाने वाले रेडीमेट गारमेंट्स के लिए लेबलिंग और गारमेंट्स की साइज को सेंटीमीटर में दर्शाना अनिवार्य है। इसके अलावा एक्स एस, एस, एम, एल, एक्स एल, डबल्ड एक्स एल आदि को अतिरिक्त घोषणा माना जाता है।
बीबा के मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्धार्थ बिंद्रा ने नए सुधार का स्वागत करते हुए कहा कि पैकेज्ड कॉमोडिटी में से रेडीमेड गारमेंट्स को दी गई मुक्ति का सरकार द्वारा उठाया गया कदम मील का पत्थर है। इससे व्यापार करने में सरलता आएगी और भारत में वस्त्र उद्योग के विकास को गति मिलेगी।