Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 मध्यप्रदेश पुलिस के पास नहीं लावारिसशवों के अंतिमसंस्कार हेतु बजट; स्वयंसेवी संस्थाओं से मांगते हैं मदद | dharmpath.com

Tuesday , 8 April 2025

Home » प्रशासन » मध्यप्रदेश पुलिस के पास नहीं लावारिसशवों के अंतिमसंस्कार हेतु बजट; स्वयंसेवी संस्थाओं से मांगते हैं मदद

मध्यप्रदेश पुलिस के पास नहीं लावारिसशवों के अंतिमसंस्कार हेतु बजट; स्वयंसेवी संस्थाओं से मांगते हैं मदद

1512643_609590532440432_700863291_n1520822_609590912440394_227397987_nअनिल सिंह (भोपाल)– सत्ता और शासन किसका है,क्यों है यहाँ सिर्फ मानवता की भलाई के लिये ही उद्देश्य है,लेकिन हो क्या रहा है, हमारे हुक्मरानों ने क्या हालात बना दिये हैं ,मानवता जार-जार करके रो रही है,मध्यप्रदेश मे शिवराज कार्य करना चाहते हैं लेकिन उनके मंत्री जनसंवेदना की धज्जियां उड़ा रहे हैं,जी हाँ मध्यप्रदेश की राजधानी मे लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिये पैसा नहीं है,इस हेतु थाना-प्रभारियों को पैसा मांगने हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं को अर्जी लगानी होती है,शिवराज सिंह चौहान को भी यह पता नहीं है,उनके मंत्री जो पहले उमाशंकर गुप्ता थे ने भी अपने कार्यकाल मे इस जनसंवेदना के मानवीय पक्ष को कभी भी संज्ञान मे नहीं लिया.

क्या कर रहे हैं पुलिस के आला अधिकारी 
पुलिस मे बड़े बड़े अधिकारी हैं वे भी इस दिशा मे मूक बने हुए हैं,किसी को चिंता नहीं और ना ही कोई इस पर ध्यान दे रहा,थाना प्रभारी लावारिस शवों के अंतिम संस्कार हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं से सहयोग की अपील करते हैं तथा उन्हे आवेदन देते हैं,इसके फलस्वरूप ये संस्थाएं पुलिस को धन उपलब्ध करवाती हैं और संस्कार मे सहयोग करती हैं.
करोड़ों के बजट प्राप्त करने वाली संस्थाओं का भी ध्यान मानवीय संवेदनाओं की ओर नहीं है 
हमारे देश मे कार्य करने वाली संस्थाएं जिनमें ज्यादातर संस्थाएं बड़े -बड़े अधिकारियों के रिश्तेदार हैं को भी मानवीय संवेदना के कार्यों पर कोई दृष्टि नहीं जाती.
हमारे यहाँ कई संस्थाएं हैं जो शासन से करोड़ों का बजट डकार रहीं हैं लेकिन मानवीय संवेदनाओं को लेकर निष्क्रिय हैं,यदि शासन-प्रशासन इसी रूप मे कार्य करते रहे तो हम भारत के वासी जिनकी तरफ सारा संसार देखता है,सीखता है मानवीय संवदनाओं का पाठ पढ़ता है हम इस देश को किस दिशा मे ले जायेंगे.
भोपाल डी आई जी श्रीनिवास जी ने भी पूरी बात किये बिना फोन काटा 
जब हमने इस बाबत डी आई जी साहब से बात की तो उन्होने कहा कि इस हेतु पुलिस मे कोई बजट नहीं उपलब्ध है लेकिन हाँ लगभग 15 वर्ष पहले इस तरह का बजट होता था और कोई फोन जो अतिआवश्यक था आने का कहते हुए और पुनः फोन करने का वादा करते हुए इन्होने फोन काट दिया …………….

 

मध्यप्रदेश पुलिस के पास नहीं लावारिसशवों के अंतिमसंस्कार हेतु बजट; स्वयंसेवी संस्थाओं से मांगते हैं मदद Reviewed by on . अनिल सिंह (भोपाल)-- सत्ता और शासन किसका है,क्यों है यहाँ सिर्फ मानवता की भलाई के लिये ही उद्देश्य है,लेकिन हो क्या रहा है, हमारे हुक्मरानों ने क्या हालात बना दि अनिल सिंह (भोपाल)-- सत्ता और शासन किसका है,क्यों है यहाँ सिर्फ मानवता की भलाई के लिये ही उद्देश्य है,लेकिन हो क्या रहा है, हमारे हुक्मरानों ने क्या हालात बना दि Rating:
scroll to top