अनिल सिंह(भोपाल)– आज भाजपा कार्यालय में हुई पत्रकार वार्ता में जो अनंतकुमार ने सम्बोधित कि शुरू होने के पहले पत्रकारों ने हल्ला बोल दिया कि मुख्यमंत्री शिवराज कि पत्रकार वार्ता कि तरह आप भी जो बोलना हो बोल दीजिये हम सुन कर जाते हैं इस बात से अनंतकुमार अचंभित रह गए क्योंकि उन्हें इस बात का गुमान ही नहीं था की पत्रकार इतने रोष में हैं कारण यह था कि उन्हें फीडबैक देने वाली टीम ने उन्हें कुछ बताया ही नहीं था.
दरअसल पिछले कुछ दिनों से पत्रकारों को अपनी बात सुना अपना प्रचार करने वाले भाजपा नेताओं के द्वारा पत्रकारों के सवालों के उत्तर न देते हुए भाजपा मीडिआ प्रभारी यह कहते हुए ख़त्म कर देते थे कि आईये चाय पीजिये और वार्ता ख़त्म।
इन अव्यवस्थाओं से पत्रकारों में रोष था और वे अपनी इस शिकायत को मीडिआ प्रभारी तक पहुंचाते थे लेकिन वरिष्ठ नेताओं कि चापलूसी में लगे ये प्रभारी जी अनसुनी कर देते थे क्योंकि इन्हें मात्र अपने लक्ष्य से मतलब था कि बड़े नेता इनसे खुश रहें,इनका मंतव्य सिद्ध हो,लेकिन आज पत्रकारों का संयम टूट गया और उन्होंने अपना विरोध दर्शा ही दिया।
लेकिन अनंत कुमार सहज ही रहे और शान्ति से पत्रकारों के सवालों के उत्तर देते रहे हाँ यह अनुभवी और चालाक नेता यह जरूर करते रहे कि जहाँ मोदी कि तारीफ़ या केंद्रीय नेतृत्व कि बुराई आये उस बयान को खींचते तथा जिस सवाल पर भाजपा सरकार घिरती नजर आती उसका तुरंत घुमा-फिरा कर ख़त्म कर देते।
दरअसल अनंतकुमार पत्रकार वार्ता में जो विषय ले कर बैठे थे वह सोनिया और केंद्र सरकार कि अक्षमताओं को लेकर था यह एक सोची समझी योजना के तहत किया जाता है ताकि जनता का ध्यान स्थानीय मुद्दों से भटक जाए.
उन्होंने क्या कहा उसमें कुछ नया नहीं था वह तो सभी छापेंगे क्योंकि ये नेता तो यही चाहते हैं छपना और वे छपे उनका मकसद पूरा हो या प्राथमिकता थी और इस टीम ने यह पूरा किया।