नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां ने बुलंदशहर सामूहिक दुष्कर्म मामले में गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि वह पीड़ितों से बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हैं।
उन्होंने यह पेशकश अपने उस बयान के लिए की, जिसमें दुष्कर्म की वारदात को एक ‘राजनीतिक साजिश’ कहा था।
खां ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की खंडपीठ से कहा कि वह इस संबंध में हलफनामा दायर करेंगे कि उनकी मंशा कभी भी पीड़ितों को दुख पहुंचाने की नहीं थी। लेकिन यदि पीड़ित (महिला और उसकी बेटी) दुखी और अपमानित हुए हैं तो वह बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हैं।
आजम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का बयान दर्ज करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए आने पर सात दिसंबर तक इस बारे में शपथपत्र पेश करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि वह स्वीकार करने से पहले बिना शर्त माफी का अध्ययन करेगी।
यह वारदात 29 जुलाई की रात में हुई थी। इसमें बुलंदशहर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-91 पर दोस्तपुर गांव के पास 34 वर्षीया महिला और उसकी किशोरी बेटी को उनकी कार से खींचकर उनके साथ पांच-छह बदमाशों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। कार में नोएडा में रहने वाले परिवार के छह सदस्य सवार थे।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और पीड़ित किशोरी के पिता ने कहा कि खान ने संवाददाता सम्मेलन में जो कहा, उसके टेप से छेड़छाड़ की गई है।
बिना शर्त माफी के अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को नाबालिग पीड़िता का दाखिला उसके घर के पास के केंद्रीय विद्यालय में कराने के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि महिला और उसकी बेटी को मुआवजा नीति के तहत सात-सात लाख रुपये दिए गए हैं।
इसके अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष को तीन-तीन लाख रुपये और रेडक्रॉस से 50-50 हजार रुपये भी दिए गए हैं। सरकार ने बताया कि इन्हें दो फ्लैट भी दिए गए हैं।