सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज पर कानून की स्नातक एक छात्रा ने अपने साथ यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम ने इस मामले की जांच के लिए जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांट कमेटी का गठन किया है ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके.
जांच कमेटी गठित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस संस्था का प्रमुख होने के नाते मैं बहुत चिन्तित हूं तथा ये जानना चाहता हूं कि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है. उल्लेखनीय है कि कानून की छात्रा ने ‘जनरल ऑफ इंडियन ला एण्ड सोसाइटी’ के अपने ब्लाग में पिछले हफ्ते लिखा कि…
“पिछले साल दिसम्बर में जब पूरा भारत महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आक्रोशित हो प्रदर्शन कर रहा था, तब मैं उन प्रदर्शनों में नहीं गयी क्योंकि मैं एक बेहद सम्मानित जज, जो हाल ही में रिटायर हुए, के साथ जुड़कर इंटर्न के रूप में काम कर रही थी. इस लगन का परिणाम ये निकला कि मुझे एक ऐसे व्यक्ति, जो मेरे दादा की उम्र का था, ने मेरा यौन उत्पीड़न किया. हालांकि मैं इसके डिटेल में नहीं जाना चाहूंगी लेकिन ये कहूंगी कि कमरे से निकलने के बाद भी मेरे साथ उसकी बुरी यादें थीं और अब भी हैं.”
युवती का कहना है कि ”मेरा उन जज, जो हाल में ही रिटायर हुए हैं, के शानदार करियर पर दाग लगाने पर कोई इरादा नहीं है. लेकिन मेरे साथ जो हुआ उसके घाव आज भी मैं सह रही हूं और आगे भी सहती रहूंगी. लेकिन प्रार्थना करूंगी कि आगे किसी भी लड़की के साथ ऐसा ना हो.”
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