पाकिस्तान के प्राइवेट स्कूलों की मैनेजमेंट एसोसिएशन ने रविवार को बताया है कि इस देश के 40 हज़ार प्राइवेट स्कूलों में 16वर्षीया मानवाधिकार-सेनानी मलाला यूसुफ़ज़ई की पुस्तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है|
यह प्रतिबंध इस आधार पर लगाया गया है कि मलाला और उसकी पुस्तक इस्लामी देशों में महिलाओं की स्थिति पर पाकिस्तान का नहीं, बल्कि पश्चिम का दृष्टिकोण व्यक्त करते हैं|
मलाला यूसुफ़ज़ई को इस साल शांति के विकास में योगदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाल-पुरस्कार मिला है और यूरोपीय संसद द्वारा दिया जाने वाला “विचारों की स्वतंत्रता के लिए” साखारोव पुरस्कार भी मिला है|
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