भोपाल, 11 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार द्वारा 500-1,000 रुपये के नोट को अमान्य किए जाने के दो दिन बाद शुक्रवार को एटीएम मशीन से रकम निकालने की मिली सुविधा का ज्यादा लाभ ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि अधिकांश एटीएम से रकम निकल ही नहीं रही। वहीं बैंकों में पुराने नोट बदलवाने वालों और चेक से रकम निकलवाने वालों की कतारें लगी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात को राष्ट्र के नाम संदेश में 500-1,000 रुपये के नोट अमान्य किए जाने का ऐलान किया था। इन नोटों को बदलने के लिए 50 दिनों का समय दिया गया है। वहीं दो दिन बुधवार-गुरुवार को एटीएम बंद रहे। यही कारण है कि शुक्रवार सुबह से ही एटीएम काउंटर के बाहर ग्राहकों की लंबी कतारें लगने लगी। यहां पहुंचे अधिकांश लोगों को निराशा हाथ लग रही है, क्योंकि एटीएम मशीनों में रकम ही नहीं है।
राजधानी के महाराणा प्रताप नगर की बैंक स्ट्रीट में कई बैंकों के एटीएम हैं, इन एटीएम पर सुबह छह बजे से ही ग्राहकों की कतारें लगने लगीं। यहां पहुंचे ग्राहक उस वक्त मायूस हो गए, जब मशीन से रुपये उपलब्ध न होने की पर्ची निकली। जिन मशीनों से रकम निकल रही है, वहां से ग्राहक संतुष्ट होकर लौट रहे हैं।
एमपी नगर में एटीएम पर पहुंचे मंगल बिसेन ने संवाददाताओं से कहा, “मैं सुबह आठ बजे से एटीएम की कतार में लगा हूं। बैंक अधिकारियों ने बताया है कि अभी एटीएम में रकम नहीं है, दोपहर दो बजे के बाद ही इस मशीन में रकम डाली जा सकेगी, क्योंकि अभी नए नोट नहीं आए हैं।”
राज्य के इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन जैसे महानगरों से लेकर कस्बों तक से एटीएम मशीनों में रकम न होने की सूचना आ रही है। उन लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जो नौकरी पेशा हैं और उनके पास 500 रुपये से कम के नोट नहीं हैं। एक तरफ उन्हें ड्यूटी पर जाना है, तो दूसरी ओर रकम की भी जरूरत है।
भोपाल की एक निजी कंपनी में काम करने वाले चंदन सिंह ने बताया, “मेरी ड्यूटी दोपहर 12 बजे से है। इसलिए सुबह से ही एटीएम की कतार में लगा हूं। कई बैंकों के एटीएम पर गया, पर कहीं से भी रकम नहीं निकली।”
वहीं, चेक से रकम निकासी और नोट बदलवाने व जमा करने वालों की भी कतारें बैंक के बाहर लगी हुई हैं। हर कोई पुराने नोट बदलकर नए नोट हासिल करना चाह रहा है। गुरुवार को भी नोट बदलने व जमा करने के लिए बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। देर शाम तक बैंकों में काम चला, फिर भी कई लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ा था। कई स्थानों पर अफरा-तफरी व विवाद की स्थिति भी बनी हुई थी।