नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो चुके और ‘समान रैंक, समान पेंशन’ की मांग के अगुवा मेजर जनरल सतबीर सिंह का कहना है कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में खड़े पूर्व सैनिकों का समर्थन करेंगे।
गौरतलब है कि पूर्व सैनिकों का एक समूह फिर से राजधानी के जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल शुरू करने की योजना बना रहा है।
सतबीर सिंह ने कहा कि सरकार के खिलाफ ‘नाराजगी’ के चलते विरोध-प्रदर्शन फिर से शुरू किया जा रहा है और यह रुपयों से अधिक सैनिकों के सम्मान की बात है।
सतबीर सिंह ने यह भी बताया कि उन्होंने खुद को फौजी जनता पार्टी से अलग कर लिया है। इस पार्टी का गठन पंजाब और उत्तराखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में पूर्व सैनिकों को बतौर प्रत्याशी उतारने के उद्देश्य से किया गया था।
हालांकि सतबीर सिंह ने कहा कि वह आगामी चुनावों में खड़े सभी पूर्व सैनिकों का समर्थन करेंगे।
सतबीर सिंह ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “हमें कष्ट हुआ है और हम गुस्से में हैं। इसी वर्ष 14 मार्च को हम रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मिले थे। उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर आश्वासन दिया था कि वह विसंगतियों पर ध्यान देंगे, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि जब तक हम उनकी कनपटी पर बंदूक रखे रहेंगे वह हमारी मांगें नहीं सुन सकते।”
सतबीर सिंह ने कहा, “तब से छह महीने बीत चुके हैं और विसंगतियों को दूर करने से संबंधित एक भी शब्द सुनने को नहीं मिला है।”
वहीं पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि 21 लाख के करीब सेवानिवृत्त सैनिकों को ‘समान रैंक, समान वेतन’ का लाभ मिल रहा है।
पर्रिकर ने पणजी में एक बहुमंजिला पार्किं ग सुविधा का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा, “20 लाख 69 हजार सैनिकों को ‘ओआरओपी’ का लाभ मिलने लगा है। मौजूदा केंद्र सरकार ने अपना वादा पूरा किया है। अन्य सरकारें पिछले 43 वर्षो से सिर्फ बात कर रही थीं। और ऐसा भी नहीं है कि यह मांग पिछले वर्ष उठी हो या पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान उठी हो।”
समान रैंक, समान पेंशन की मांग में लंबे समय से भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व सैनिकों ने 29 अप्रैल को अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली थी।
सतबीर सिंह ने कहा, “हम ओआरओपी को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं, लेकिन मिल रहा ओआरओपी मांग के अनुरूप नहीं है।”
सतबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली बार जब वह तत्कालीन रक्षा मंत्री और मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे तो उनसे कहा गया था कि चुनाव के दौरान किए गए सारे वादे पूरे करने के लिए नहीं किए जाते।
सतबीर सिंह ने कहा, “जब हम अरुण जेटली से मिले और चुनाव के दौरान किए गए वादे की याद दिलाई तो उन्होंने कहा, ‘ओह जनरल, जब हम चुनाव प्रचार करते हैं तो क्या आपको लगता है कि किए गए सारे वादे पूरे किए जाते हैं’।”
मौजूदा विसंगतियों में पूर्व सैनिक जिसका विरोध कर रहे हैं उनमें एक नियम है कि हर पांच वर्ष पर पेंशन में संशोधन होगा। पूर्व सैनिकों की मांग है कि पेशन में संशोधन हर वर्ष होना चाहिए।