कॉक्लियर इम्प्लांट के बारे में चिकित्सा विशेषज्ञों का होगा व्याख्यान
जन्म से या जन्म के बाद श्रवण क्षमता नहीं होने की वजह से सुनने और बोलने में असमर्थ श्रवण बाधित निःशक्त बच्चों के लिये प्रदेश में मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना 2013 शुरू हुई है। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित इस योजना में ऐसे श्रवण बाधित निःशक्त बच्चों की बोलने और सुनने की क्षमता के विकास के लिये विभिन्न चिकित्सकीय और वित्तीय सुविधा का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में ऐसे 1 से 7 वर्ष तक की आयु के मध्यप्रदेश के मूल निवासी बच्चों, जिनके अभिभावक आयकर दाता न हो, के लिये चिकित्सा परामर्श का इंतजाम होगा। इसके बाद तकनीकी समिति की अनुशंसा पर ऐसे बच्चों की श्रवण क्षमता के विकास के लिये कॉक्लियर इम्प्लांट की व्यवस्था की जायेगी। ऐसे श्रवण बाधित बच्चों की बोलने की क्षमता विकसित करने के लिये एक वर्ष तक स्पीच थैरेपी की कक्षाओं का निःशुल्क इंतजाम होगा।
श्रवण बाधित ऐसे बच्चों के कल्याण के लिये शुरू हुई मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के बेहतर क्रियान्वयन के मकसद से 13 सितंबर 2013 को होटल जहॉनुमा पैलेस में एक दिवसीय कार्यशाला की जा रही है। कार्यशाला में योजना के क्रियान्वयन के चिकित्सकीय और तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा होगी। कार्यशाला का शुभारंभ सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की सचिव श्रीमती स्तुति कक्कर करेंगी। अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय डॉ. अरूणा शर्मा करेंगी। कार्यशाला में ख्यातनाम चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. एम.व्ही.कीर्तन ने कॉक्लियर इम्प्लांट विषय पर व्याख्यान देंगें। कार्यशाला में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री अजय तिर्की और सचिव सामाजिक न्याय श्री व्ही.के. बाथम के साथ ही शासकीय तथा निजी चिकित्सालयों के नाक, कान, गला विशेषज्ञ तथा वरिष्ठ विभागीय अधिकारी भी भागीदारी करेंगें।