नई दिल्ली।। नरेंद्र मोदी को PM कैंडिडेट घोषित करने का विरोध कर रहे लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ पार्टी में ही विरोध के स्वर उठना शुरू हो गए। बिहार बीजेपी के बड़े नेता सुशील कुमार मोदी ने पार्टी के सीनियर नेता लाल कृष्ण आडवाणी पर खुलकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर इशारों ही इशारों में कहा कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं की वजह से ही आडवाणी नरेंद्र मोदी का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह पब्लिक का मूड भांपने में नाकाम रहे हैं।
नरेंद्र मोदी को पीएम कैंडिडेट बनाने का विरोध कर रहे लालकृष्ण आडवाणी से पार्टी के कई बड़े नेता नाराज हैं, मगर खुलकर कोई भी नहीं बोल रहा। इस बीच सुशील कुमार मोदी पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने खुलकर आडवाणी के खिलाफ अपनी बात कही है। उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘राजनीति ही एक ऐसा पेशा है जहां पर लोग आखिरी दम तक कुछ पाने की इच्छा रखते हैं। मंत्री बनते ही एक डेड पॉलिटिशन फिर से जी उठता है।’
माना जा रहा है कि ‘डेड पॉलिटिशन’ से उनका इशारा लाल कृष्ण आडवाणी की तरफ था। सुशील मोदी के अगले ट्वीट से बात का अंदाजा लगता है। उन्होंने अगला ट्वीट किया, ‘आडवाणी पब्लिक का मूड भांपने में नाकाम रहे हैं। जिस तरह से उन्होंने पीएम पद के लिए अटल बिहारी वाजपेयी के नाम की घोषणा की थी, उसी तरह उन्हें नरेंद्र मोदी के नाम का भी ऐलान करना चाहिए।’
भले ही बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकरणी में सुशील कुमार मोदी की ज्यादा पैठ न हो, मगर उनके कॉमेंट दिखाते हैं कि पार्टी का एक धड़ा आडवाणी के रुख से बेहद नाराज है। सुशील मोदी का इस तरह से खुलकर बोलना दिखाता है कि अगर आडवाणी अपनी जिद पर कायम रहे, तब भी नरेंद्र मोदी को पीएम पद का कैंडिडेट घोषित कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि लाल कृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और मुरली मनोहर जोशी नहीं चाहते कि अभी मोदी के नाम का ऐलान किया जाए।
चुनावों में ज्यादा वक्त नहीं बचा है, ऐसे में बीजेपी चाहती है कि पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर अभी कोई फैसला हो जाए। अगर नरेंद्र मोदी के नाम पर लेकर खींचतान अगर जारी रही, तो बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए पार्टी की कोशिश है कि सभी अंदरूनी मसले अभी हल कर लिए जाएं, ताकि बाद में किसी तरह का हंगामा न हो।