कोलकाता, 19 सितम्बर (आईएएनएस)। ब्राजील की मेजबानी में खेले गए ओलम्पिक खेलों में अपने शानदार प्रदर्शन से चारों ओर से वाहवाही लूटने वाली जिम्नास्ट दीपा कर्माकर के कोच बिशेश्वर नंदी का कहना है कि रियो ओलम्पिक में टीम मैनेजर के न होने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ी।
नंदी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, “हमें थोड़ी-बहुत परेशानी हुई। स्थानीय स्टाफ का सहयोग जरूरी था।”
द्रोणाचार्य अवार्ड जीतने वाले नंदी ने कहा, “रियो डी जनेरियो में बहुत से लोग अंग्रेजी नहीं जानते थे। हम क्या चाहते हैं इस बात को उन्हें समझाने में हमें बेहद परेशानी हुई। अभ्यास के बाद भी कई चीजें ऐसी होती हैं जिनका ध्यान रखने की जरूरत होती है। टीम मैनेजर होने से यह काम उनको संभालना होता है। उनकी गैरमौजूदगी में यह काम मुझे करना पड़ा।”
हालांकि नंदी ने इस कमी को दीपा के पदक न जीतने का कारण नहीं बताया।
उन्होंने कहा, “प्रदर्शन के आधार पर पदक आते हैं। इसके अलावा कोई और कारण नहीं है। मैं यह नहीं कह सकता कि टीम मैनेजर न होने से हम पदक नहीं जीत पाए।”
दीपा को भवानीपुर फुटबाल क्लब और बंगाल वाणिज्य मंडल एवं उद्योग (बीसीसीआई) ने सोमवार को ओलम्पिक में शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया। सम्मान स्वरूप उन्हें साड़ी और मिठाई दी गई।
दीपा ने इस अवसर पर कहा, “मैं यह साड़ी पहन पर दुर्गा पूजा में हिस्सा लूंगी।”
उन्होंने कहा, “लंबे समय बाद परिवार के साथ मेरी यह पहली दुर्गा पूजा होगी। मैं कोलकाता में इस पर्व को मनाने को लेकर बेहद उत्साहित हूं। मैं यहां पहली बार दुर्गा पूजा का पर्व मनाऊंगी।”