मॉस्को, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। रूस की संसद के निचले सदन ड्यूमा के साथ-साथ दर्जनों नगर निगमों और क्षेत्रीय निकायों, प्राधिकरणों के चुनाव के लिए रविवार को मतदान शुरू हुआ। लेकिन मतदान के दिन होने के कम संकेत मिले।
सड़कों और गलियों में बहुत कम लोग दिखे और कहीं भी चुनावी पोस्टर, बैनर, कटआउट और प्रचार की तस्वीरें नहीं दिखाई पड़ रही थीं।
रूसी संसद का यह पंचवर्षीय चुनाव महत्वपूर्ण समय में हो रहा है। सीरिया में संघर्ष विराम के मुद्दे पर रूस ने अमेरिका के साथ अभी तुरंत एक समझौता किया है, जिससे उस देश के भविष्य पर नई वार्ता के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ है।
इसके अलावा बदले हुए नियमों के तहत ये चुनाव हो रहे हैं।
चुनाव कानून अब साल 2011 की तुलना में अधिक पार्टियों को चुनाव में भाग लेने की अनुमति देता है। उस समय ड्यूमा के चुनाव के बाद पुतिन की युनाइटेड रूसी पार्टी पर चुनाव में कथित हेराफेरी के आरोप लगे थे और विरोध में सड़क पर हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
पुतिन ने मानवाधिकार की प्रतिष्ठित वकील एला पामफिलोवा को चुनाव आयोग का प्रमुख नियुक्त किया है, जबकि संशोधित कानून के तहत कुछ विपक्षी उम्मीदवारों को भी चुनाव लड़ने की अनुमति मिली है।
उदाहरण के तौर पर पुतिन के कट्टर विरोधी और बड़े उद्योगपति मिखाइल खेदोर्कोवस्की को उनके ओपन रूस पहल के हिस्से के रूप में 18 उम्मीदवारों के वित्तपोषण की अनुमति दी गई है।
साल 2003 के बाद से रूस में पहली बार मिश्रित सिद्धांत अपनाया गया है। सन 2007 और 2011 के चुनावों में रूसी लोगों ने संघीय पार्टी की सूची से सांसदों को चुना था।
इस बार 450 सदस्यीय रूसी संसद की 50 प्रतिशत सीटें कांग्रेस के सदस्यों द्वारा भरी जाएंगी, जिनमें पांच प्रतिशत संघीय पार्टियों की सूची से भी शामिल होंगी। शेष आधा 225 उम्मीदवारों को रूसी जनता चुनेगी, जो रूसी संघ के स्वतंत्र संसदीय क्षेत्रों या जिलों से निर्वाचित होंगे।
यूक्रेन से अलग होने के बाद रूसी ड्यूमा के चुनाव में क्रीमिया पहली बार भाग ले रहा है। यूक्रेन ने क्रीमिया के लोगों से चुनाव का बहिष्कार करने को कहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, रविवार के मतदान के बाद रूस में एक नई संघीय परिषद, (संसद का उच्च सदन) होगी।
नई परिषद में क्षेत्रीय विधानसभाओं और कार्यकारी निकायों के प्रतिनिधि होंगे। चुनाव के बाद क्षेत्रीय विधानसभाएं और गवर्नर सीनेटरों को मनोनीत करेंगे।