नई दिल्ली, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने रविवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से बोर्ड का कोई मनमुटाव नहीं है लेकिन बोर्ड के साथ अगर भेदभाव होता है तो आईसीसी के सामने इसे उठाना उनकी जिम्मेदारी है।
ठाकुर ने आईसीसी द्वारा चैम्पियंस ट्रॉफी-2017 के लिए इंग्लैंड को आवंटित राशि को लेकर बीसीसीआई के साथ उठे विवाद के संदर्भ में ये बातें कहीं। बीसीसीआई इस पर आईसीसी के समक्ष आपत्ति भी जता चुका है।
ठाकुर ने ये बातें देश के आगामी घरेलू सत्र के कार्यक्रम की घोषणा के दौरान कहीं।
बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा, “आईसीसी के साथ हमारा कोई मनमुटाव नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के हित में भारत को जो कदम उठाने चाहिए थे, वह उठाए गए हैं। आईसीसी द्वारा बजट तैयार करते समय यदि आईसीसी को सर्वाधिक कमाई करके देने वाले भारतीय बाजार और बीसीसीआई को नजरअंदाज किया जाता है तो क्या यह विश्व क्रिकेट के हित में होगा, यह समझने की जरूरत है।”
ठाकुर ने कहा, “बीसीसीआई ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के हित में सभी कदम उठाए हैं। आज बीसीसीआई से कहीं अधिक छोटे क्रिकेट बोर्डो को धन की जरूरत है। हम वैश्विक रूप से मदद को तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “आईसीसी हमसे अपनी हिस्सेदारी कम करने के लिए कह रहा है। इससे पहले आईसीसी को अपने समारोहों के आयोजनों की लागत कम करनी चाहिए।”
भारतीय क्रिकेट टीम को 22 सितम्बर से न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचो की सीरीज खेलनी है। कानपुर में खेले जाने वाला पहला मैच भारतीय क्रिकेट टीम का 500वां मैच होगा। इस मौके पर बीसीसीआई ने भारतीय क्रिकेट टीम के सभी पूर्व कप्तानों को आमंत्रण भेजा है और इसमें मैच फिक्सिंग में फंसे मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम भी शामिल है।
ठाकुर से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “यह 500वां टेस्ट मैच है, जो देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। बीसीसीआई देश के सभी पूर्व कप्तानों को आमंत्रित करना चाहता था, इसलिए अजहरूद्दीन को भी आमंत्रित किया गया है।”
भारतीय क्रिकेट टीम में सुधार के लिए गठित लोढ़ा समिति की सिफारिशों के खिलाफ बीसीसीआई ने सर्वोच्च न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की है।
इस मामले पर ठाकुर ने कहा कि इस पर अदालत फैसला लेगी। उन्होंने कहा, “अदालत को भारतीय क्रिकेट टीम के अच्छे-बुरे का फैसला लेने दीजिए।”