बेंगलुरू, 14 सितम्बर (आईएएनएस)। कर्नाटक द्वारा तमिलनाडु को कावेरी जल छोड़े जाने के विरोध में दो दिनों तक हुई हिंसा के बाद सामान्य स्थिति बहाल होने पर देश के प्रौद्योगिक केंद्र बेंगलुरू में बुधवार को कर्फ्यू हटा लिया गया है।
बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त एन.एस. मेघरिख ने कहा, “उत्तर पश्चिम और दक्षिण पश्चिम उपनगरों में सामान्य स्थिति बहाल होने और स्थिति नियंत्रण में होने के बाद हमने सभी 16 पुलिस थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया है।”
हालांकि शहर भर में पांच से अधिक लोगों को एक जगह एकत्रित होने पर प्रतिबंध का आदेश लागू रहेगा।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को हिंसा शुरू होने के बाद विगत तीन दिनों से आंशिक कर्फ्यू लगा हुआ था। हिंसा के दौरान पुलिस की गोली से एक व्यक्ति की मौत हो गई और शहर भर में ट्रकों एवं बसों सहित 78 वाहन जला दिए गए।
मेघरिख ने कहा, “प्रदर्शनकारियों, शरारती तत्वों या असामाजिक तत्वों की किसी हरकत को रोकने के लिए शहर भर में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी की गई है।”
उन्होंने आगे कहा कि किसी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने और यातायात व्यवस्था को नियमित करने के लिए तमिलनाडु के होसुर शहर से सटे बेंगलुरू शहर के दक्षिणी उपनगरीय इलाके में स्थित अतिबेले में त्वरित कार्रवाई बल के जवान तैनात किए गए हैं।
बस, टैक्सी, ऑटो और मेट्रो रेल सेवा बहाल होने के साथ हजारों लोग कार्यालय और कार्यस्थल पर जाने के लिए शहर में चारों ओर आते-जाते दिखे।
शहर में बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर यात्री जा रहे थे या उतर रहे थे। शहर की बाहरी सीमा पर स्थित हवाईअड्डे के लिए लोगों को परिवहन के रूप में रेलगाड़ियां और अंतर्राज्यीय बसें मिल रही थीं।
पुलिस आयुक्त एन.एस. मेघारिख ने कहा, “सभी क्षेत्रों में दुकानों, होटलों, पेट्रोल पम्पों, कार्यालयों, सिनेमा घरों और निजी प्रतिष्ठानों के खुलने के साथ शहर में सामान्य स्थिति बहाल हो गई है।”
अधिकांश स्कूलों और कॉलेजों में या तो ओणम उत्सव के लिए या एहतियात के तौर पर छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं।
निचले नदी तटीय राज्य को पानी छोड़े जाने के विरोध में किसानों, व्यापारियों और युवाओं के शांतिपूर्ण विरोध के बीच नदी घाटी क्षेत्र में स्थित मांड्या और मैसूर में स्थिति नियंत्रण में हैं।
इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए समय मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वह नदी जल विवाद में प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप चाहते हैं।
सिद्धारमैया ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने और इस झगड़े के निपटारे हेतु हस्तक्षेप करने के लिए प्रधानमंत्री को गत नौ सितम्बर को एक पत्र लिखा था।