नई दिल्ली, 14 सितम्बर (आईएएनएस)। एमब्रेयर विमान सौदे में कथित रिश्वतखोरी की रिपोर्ट सामने आने के बाद रक्षा मंत्रालय ने सौदे की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की बात कही है।
साल 2008 में एमब्रेयर ने तीन ईएमबी 145 एईडब्ल्यूएंडसी (एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निग एंड कंट्रोल) भारत सरकार को 20.8 करोड़ रुपये में बेचे थे।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को संकेत दिया कि इसकी जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है।
पर्रिकर ने कहा, “मैं बिना सोचे-समझे कोई प्रतिक्रिया और अफवाहों पर आधारित बयान नहीं देने जा रहा। मैंने रिपोर्ट मांगी है, जो सोमवार को सौंपी जाएगी और यदि मामला आपराधिक होगा, तो हम इसकी जांच के लिए इसे सीबीआई को सौंप सकते हैं। यदि केवल प्रक्रियात्मक मुद्दे होंगे तो हम एक आंतरिक जांच कर सकते हैं।”
इससे पहले, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान हुए सौदे में कथित रिश्वतखोरी को लेकर ब्राजील की कंपनी एमब्रेयर से जवाब मांगा था।
ब्राजील के समाचार पत्र ‘फोला डी साओ पाउलो’ की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2008 में सौदा तय करने के लिए एमब्रेयर द्वारा ब्रिटेन के एक रक्षा एजेंट को कथित तौर पर रिश्वत दी गई थी। इस मामले में कंपनी के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग जांच कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी साल 2010 से ही अमेरिकी न्याय विभाग के जांच के दायरे में है, जब उसने डोमिनिकन रिपब्लिक के साथ एक सौदा किया था।
उसके बाद, जांच का दायरा भारत तथा सऊदी अरब सहित आठ अन्य देशों के साथ हुए समझौतों तक व्यापक कर दिया गया।
विमान में डीआरडीओ का एयरबॉर्न अर्ली-वॉर्निग सिस्टम एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूएंडसी) सिस्टम लगाकर उसे भारतीय वायुसेना द्वारा इस्तेमाल में लाना था।