खबर है कि केदारनाथ मंदिर की सफाई का काम लगभग समाप्त हो गया है और 11 सितंबर से बाबा केदारनाथ की पूजा शुरू होगी। यानी 16 जून को आयी तबाही के बाद से विरान पड़ा केदारनाथ मंदिर एक बार फिर से वैदिक मंत्रों और केदारनाथ के जयकारे से गूंजायमान होगा। लेकिन सवाल उठता है कि क्या केदारनाथ पर छाया शनि का साया अब समाप्त हो गया है।
क्या फिर से केदारनाथ में ऐसी तबाही नहीं आएगी। फिलहाल यात्रा मार्ग की सुविधा नहीं होने से श्रद्घालुओं के लिए केदारनाथ की यात्रा बंद रहेगी लेकिन जब मार्ग बन जाएगा और श्रद्घालु एक बार फिर केदारनाथ की यात्रा का साहस जुटाएंगे तो केदारनाथ में फिर ऐसी घटना नहीं होगी इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
ग्रह नक्षत्रों और ज्योतिषशास्त्र की दृष्टि से भविष्य में झांकने की कोशिश करें तो ज्ञात होता है कि केदारनाथ में तबाही के बादल 15 जून को मंडराने लगे थे। इस दिन शनिवार था। केदारनाथ मंदिर से बाबा केदारनाथ की चल मूर्ति को शनिवार 22 जून को उखीमठ लाया गया।
और 29 जून को मंदिर की सफाई का दिन तय हुआ। इस दिन भी शनिवार था। और अब 11 सितम्बर को मंदिर में पूजा शुरू की जा रही है। इस दिन भले ही बुधवार है लेकिन अंकशास्त्र के अनुसार इस दिन का योग (1+1+9+2+0+1+3= 1+7= 8) प्राप्त होता है जो शनि का अंक है। यानी केदारनाथ में आई तबाही से लेकर पूजा शुरू होने तक शनि का साया बना हुआ है।