हांगझू, 4 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को चीन से आग्रह किया कि वह दक्षिण चीन सागर में अपनी गतिविधियों में अंतर्राष्ट्रीय समझौते के दायित्वों का पालन करे।
बीबीसी ने वाइट हाउस के हवाले से कहा, चीन में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले उन्होंने यह टिप्पणी अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से एक बातचीत के दौरान की।
जुलाई में अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने चीन के दक्षिण चीन सागर पर अधिकार के दावे के खिलाफ फैसला सुनाया था।
हालांकि, चीन ने इस फैसले को खारिज करते हुए कहा कि वह इससे बंधा हुआ नहीं है।
यह फैसला संयुक्त राष्ट्र के समुद्री कानून समझौते (यूएनसीएलओएस) के तहत मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने दिया था। इस मामले को उठाने वाले फिलीपींस और चीन दोनों ने इस पर हस्ताक्षर किए थे।
वाइट हाउस के मुताबिक, ओबामा ने कहा कि यूएनसीएलओएस के हस्ताक्षरकर्ता के तौर पर चीन के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपने दायित्वों का पालन समझौते के तहत करे। इसे अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानता है।
चीन अपना दावा पूरे दक्षिण चीन सागर पर करता है। हालांकि दूसरे देश भी सागर के द्वीप समूहों पर अपना दावा करते रहे हैं। इससे इलाके में कृत्रिम द्वीप बनाने और सीमित इस्तेमाल से गड़बड़ी पैदा होने लगी है।
इससे पहले शनिवार को दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन (40 फीसद) के लिए जिम्मेदार अमेरिका और चीन औपचारिक तौर पर पेरिस ग्लोबल जलवायु समझौते में शामिल हो गए।
ओबामा ने कहा कि इतिहास उनके आज के इस निर्याण प्रयास का फैसला करेगा।
दिसंबर 2015 में, तापमान के वैश्विक औसत वृद्धि में दो डिग्री की कमी लाने के लिए देशों ने उत्सर्जन में कमी करने की बात कही थी।