बक्शा थाना क्षेत्र के गोविंदपुर निवासी त्रिलोकी नाथ मिश्र ने एफआईआर दर्ज कराई थी कि 30 मार्च, 2013 की सुबह वह, उनका बेटा राहुल व चचेरा भाई ओमप्रकाश अपनी पुरानी ईंट उठा रहे थे, तभी पड़ोसी घनश्याम मिश्र उनके लड़के आदर्श व आशुतोष एवं पत्नी माधुरी ने कहा कि ये ईंट हमारा है। इसी को लेकर वाद विवाद होने पर आशुतोष व माधुरी के ललकारने पर घनश्याम व आदर्श ने राहुल व ओमप्रकाश पर कट्टे से फायर कर दिया और आशुतोष ने हॉकी कस्टक से पुष्पा व ओमप्रकाश को मारा। अस्पताल ले जाते समय राहुल व ओमप्रकाश की मौत हो गई।
इस मामले मे पुलिस ने आरोपियों के पास से कट्टे भी बरामद किए थे।
इस दोहरे हत्याकांड की सुनवाई कर रहे अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय अरविंद मलिक ने आरोपी घनश्याम व आदर्श को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास तथा 14,500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं सबूतों के अभाव में माधुरी व आशुतोष को दोषमुक्त कर दिया।