जोधपुर।। नाबालिग लड़की से यौन शोषण के आरोप में फंसे आसाराम बापू को पेश होने के लिए जोधपुर पुलिस की ओर से मिली मोहलत का आज आखिरी दिन है और इस बीच वह अचानक बीमार पड़ गए हैं! आसाराम के बेटे नारायण साईं ने भोपाल में बताया कि अचानक तबीयत खराब होने की वजह से उनके पिता जोधपुर नहीं जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि फ्लाइट का टिकट आ चुका था, लेकिन तबीयत खराब होने से वह नहीं नहीं जा सके।
उन्होंने कहा कि आसाराम बापू जोधपुर पुलिस से पूरी तरह सहयोग करने के लिए तैयार हैं। यह पूछने पर कि तबीयत खराब होने पर क्या डॉक्टरों का इलाज चल रहा है, उन्होने बताया कि आसाराम अंग्रेजी दवाएं नहीं लेते हैं, उनका इलाज वैद्यराज करते हैं और पंचकर्म चिकित्सा के लिए उन्हें बुलाया गया है।’
कई बार पूछने पर भी उन्होंने यह नहीं बताया कि आसाराम को क्या बीमारी है। बदले हुए हालात में आसाराम अब जोधपुर कब जाएंगे, इस सवाल के जवाब में नारायण सांई मौन साध गए और संवाददाता सम्मेलन से उठकर चले गए। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस प्रकरण से लगे मानसिक और भावनात्मक आघात की वजह से उनके (नारायण साईं) ससुर देव किशनानी का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से से निधन हो गया।
इस बीच आसाराम की तरफ से गुजरात हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी भी दाखिल कर दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक ट्रांजिट जमानत की अर्जी दी गई है।
मगर, राजस्थान पुलिस आसाराम बापू को किसी भी सूरत में मोहलत देने के मूड में नहीं है। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम बना दी है और साफ किया है कि आसाराम आज पेश नहीं होते हैं, तो उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम शनिवार को रवाना हो जाएगी। इस बीच जांच में सामने आया है कि लड़की बीमार थी ही नहीं। उसकी बीमारी के बहाने माता-पिता पर लड़की को जोधपुर ले जाने का दबाव बनाया गया था।
पुलिस मान रही है कि आसाराम नहीं आएंगे, इसलिए उनकी गिरफ्तारी के लिए एसीपी चंचल मिश्रा के नेतृत्व में तीन थानेदारों की टीम बना दी गई है। शनिवार सुबह आसाराम जहां भी होंगे, उन्हें गिरफ्तार करने के लिए टीम रवाना हो जाएगी। जोधपुर के पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने कहा कि अगर वह पेश न हुए तो हम 31 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए टीम रवाना करेंगे। उधर, छिंदवाड़ा गुरुकुल की वॉर्डन शिल्पी, संचालक शरदचंद्र और आसाराम के प्रमुख सेवादार शिवा को गुरुवार रात तक पुलिस के समक्ष पेश होना था, लेकिन ये तीनों पेश नहीं हुए। पुलिस तीनों की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें भेजेगी।
डीसीपी अजयपाल लांबा के मुताबिक, शिल्पी और शरदचंद्र ने 16 साल की पीड़ित को कथित रूप से बुरे साये से बचाने के लिए जोधपुर भेजा था। आश्रम में 15 अगस्त की रात उसे कमरे में अकेले रखने को कहा गया था और शिवा पर आरोप है कि उसने लड़की को मुंह न खोलने की धमकी दी थी। इस मामले में जांच अधिकारी चंचल मिश्रा ने बताया कि शिल्पी, शरदचंद्र और शिवा ने पेश न होने के बारे में पुलिस को जवाब भेजे हैं। शिवा ने मेडिकल सर्टिफिकेट फैक्स करके बीमार होने की वजह से पेश होने में असमर्थता जताई है, जबकि शिल्पी और शरदचंद्र का कहना है कि जोधपुर पुलिस छिंदवाड़ा में उनसे पूछताछ कर चुकी है, लिहाजा वे जोधपुर नहीं आएंगे। इन दोनों ने अपने जवाब में कहा है कि पुलिस को और पूछताछ करनी है तो छिंदवाड़ा आकर कर सकती है।
अब तक की जांच में यह बात भी सामने आई है कि यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छिंदवाड़ा गुरुकुल की नाबालिग छात्रा बीमार थी ही नहीं। पुलिस को उसके बीमार होने या इलाज कराए जाने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि लड़की की बीमारी के बहाने उसके माता-पिता पर जोधपुर ले जाने का दबाव बनाया गया। आरोप है कि जोधपुर में इलाज के बहाने आसाराम ने उसमें दैवीय शक्तियां समाहित करने की बात कहते हुए उसके साथ गलत हरकतें की थी। डीसीपी अजयपाल लांबा ने का कहना है कि कि गुरुकुल में पीड़ित के बीमार होने का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। ऐसी बातें सामने आई है कि यह हरकत समर्पण कराने जैसी कोशिश थी।