नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में साल 2015 में पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायतों की संख्या सबसे अधिक रही जबकि इन शिकायतों पर मुकदमा दर्ज करने की दर बेहद कम रही।
इस सूची में सबसे ऊपर मध्य प्रदेश है। इसके पुलिस कर्मियों के खिलाफ 10,089 शिकायतें मिलीं। लेकिन, इनमें से आधी से अधिक निराधार पाई गईं। पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत के मामले में महाराष्ट्र 8,004 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है।
उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है। इसके पुलिस कर्मियों के खिलाफ 4,659 शिकायतें मिलीं। इसके बाद केरल (4,634), पंजाब (3,107), राजस्थान (2,947), छत्तीसगढ़ (2,806), हरियाणा (1,900) और गुजरात (1,025) का नंबर है।
इन सभी राज्यों में करेवल उत्तर प्रदेश और केरल में भाजपा शासित या भाजपा गठबंधन की सरकार नहीं है।
केंद्र शासित राज्यों में इस मामले में दिल्ली सबसे ऊपर है। साल 2015 में दिल्ली के पुलिस कर्मियों के खिलाफ 12,913 शिकायतें मिलीं। उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस कें द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है, राज्य सरकार के नहीं।
मध्य प्रदेश में पुलिस के खिलाफ दर्ज हुई कुल शिकायतों में 6,189 झूठी या निराधार पाईं गईं।
निराधार शिकायतों की यह संख्या महाराष्ट्र में 3,962, उत्तर प्रदेश (2,257), छत्तीसगढ़ (1,319), राजस्थान (1,831), पंजाब (1,319), केरल (599) और दिल्ली में 346 रही।
केरल ने सबसे ज्यादा 55 मामलों में न्यायिक जांच शुरू की। गुजरात में 31, महाराष्ट्र में 22 और राजस्थान में 11 न्यायिक जांच के मामले रहे।
मध्य प्रदेश और पंजाब में सिर्फ दो मामलों में न्यायिक जांच के आदेश हुए। उत्तर प्रदेश में इनकी संख्या तीन रही।
आपराधिक मामलों में पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी सबसे अधिक महाराष्ट्र (454) में हुई। इसके बाद गुजरात (128), उत्तर प्रदेश (102) और पंजाब (93) का नंबर रहा।
साल 2015 में मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारियों का आंकड़ा 88, केरल में 50, राजस्थान में 18 रहा, जबकि दिल्ली में कोई पुलिस कर्मी गिरफ्तार नहीं किया गया।