घटना के दूसरे दिन बुधवार को जिले के दौरे पर पहुंचे प्रमुख सचिव (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) हेमंत राव को इस मामले में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। कलेक्ट्रेट के अंदर वह अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे और बाहर व्यापारी पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
बैठक से बाहर निकलने पर व्यापारियों ने प्रमुख सचिव को ज्ञापन दिया और दरोगा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही मजिस्ट्रेट जांच कराने की मांग की। साथ ही व्यापारी परिवार पर दर्ज मुकदमे को भी वापस लेने की मांग की गई।
सूत्रों के अनुसार, कोतवाली नगर क्षेत्र के चैक घंटाघर में सोमवार शाम व्यापारी महेश, दिनेश, सुरेश व पप्पू के परिवार के बीच विवाद हुआ था। इस पर महेश के बेटे ने 100 नंबर पर पुलिस को खबर दी थी। आरोप है कि मामले की जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे घंटाघर चौकी प्रभारी एसपी सिंह व सिपाही अखिलेश व्यापारियों की पिटाई करने लगे।
इस दौरान महेश की आठ माह की गर्भवती बेटी सोनिका अपने पिता को बचाने के लिए दौड़ी। उसे भी दरोगा एसपी सिंह ने बुरी तरह पीट दिया, जिससे उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां मंगलवार देर शाम उसका गर्भपात हो गया। उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।