श्रीनगर, 31 अगस्त (आईएएनएस)। कश्मीर घाटी में कर्फ्यू हटाए जाने के दो दिन बाद ही बुधवार को फिर से हिंसक विरोध-प्रदर्शन भड़क उठे और सुरक्षा बलों के साथ हुई हिंसक झड़प में एक किशोर की मौत हो गई तथा 100 से अधिक व्यक्ति घायल हो गए। परिणामस्वरूप करीब दो महीने बाद हटाए गए कर्फ्यू को फिर से लागू कर दिया गया।
अधिकारियों और चश्मदीदों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में पथराव करती भीड़ व सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़प में 18 वर्षीय दानिश मंजूर की गोली लगने से मौत हो गई।
कश्मीर के संभागीय आयुक्त बशीर खान ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि 900 से अधिक लोगों की एक भीड़ ने बारामूला के लादूरा गांव में सेना के एक काफिले पर पथराव शुरू कर दिया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने पहले आंसू गैस के गोले छोड़े और पैलेट गन का इस्तेमाल किया, लेकिन जब भीड़ नहीं हटी तो उन्हें गोली चलानी पड़ी।
इस झड़प में छह अन्य व्यक्ति घायल हो गए, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें श्रीनगर के एक अस्पताल ले जाया गया है।
संभागीय आयुक्त खान ने बताया कि पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।
श्रीनगर सहित घाटी के अन्य हिस्सों में सरकार-विरोधी और आजादी के समर्थन में भी विरोध-प्रदर्शन हुए।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को रैली निकालने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पैलेट गन का इस्तेमाल किया। विभिन्न इलाकों में हुई झड़पों में बुधवार को 100 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं, जिनमें से 60 प्रदर्शनकारी दक्षिण कश्मीर के हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कुलगाम जिले के चावलगाम में सत्तारूढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के राज्यसभा सदस्य नजीर लावे के घर को आग लगा दी। घर में उस वक्त कोई मौजूद नहीं था।
पुलिस ने बताया कि निकटवर्ती कतरूसु गांव में प्रदर्शनकारियों द्वारा स्वतंत्रता के समर्थन में तथा देश के खिलाफ नारे लगाए जाने पर सुरक्षा बलों ने उन पर पैलेट गन से गोलियां चलाईं। इसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।
पहलगाम टूरिस्ट रेसॉर्ट को जाने वाली सड़क पर विरोध प्रदर्शन के उद्देश्य से लगाए गए शामियाने को पुलिस द्वारा हटाए जाने के बाद ऐशमुकाम में हिंसक झड़पें हुईं। सुरक्षा बलों द्वारा पेलेट गन चलाए जाने से कम से कम 40 प्रदर्शनकारी जख्मी हुए हैं।
कई जगहों पर भड़की हिंसा के बाद बुधवार को फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया और मुख्य सड़कों पर भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए। हालांकि कर्फ्यू लगाए जाने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई।
बुधवार को एक किशोर की मौत के साथ ही घाटी में नौ जुलाई से शुरू हुए इस संघर्ष में मरने वालों की संख्या अब 72 हो गई है, जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। वहीं, हिंसक संघर्ष में अब तक 11,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिममें 7,000 नागरिक और सुरक्षा बलों के 4,000 जवान शामिल हैं।
प्रशासन ने घाटी के अधिकांश हिस्सों से सोमवार को कर्फ्यू हटा दिया था, जिसके बाद स्थिति सामान्य होने की उम्मीद की जा रही थी।
अलगववादियों द्वारा बंद का अह्वान किए जाने के बाद शैक्षणिक संस्थान, निजी कार्यालय, दुकानें और अन्य कारोबारी संस्थान लगातार 53वें दिन बंद रहे। अलगाववादियों ने बुधवार को आठ सितंबर तक बंद की अवधि बढ़ाने की घोषणा कर दी और लोगों से आजादी के लिए सड़कों पर उतरने के लिए कहा।