नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने बुधवार को कहा कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा और भारत-अमेरिका का संबंध केवल दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली में उन्होंने कहा कि अमेरिका की विदेश नीति का उद्देश्य दुनिया भर में शांति लाना है।
केरी ने कहा, “उभरता भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।” उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने अतिवाद, आतंकवाद, भीषण गरीबी, असमान व असतत विकास जैसी कई चुनौतियां हैं।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को याद करते हुए केरी ने अमेरिकी कांग्रेस को लिखे उनके पहले पत्र का संदर्भ दिया, जिसमें उन्होंने लिखा था कि भारत ऐतिहासिक तौर पर एक अमन परस्त राष्ट्र है और भारतीयों की हर प्रार्थना में शांति होती है।
उन्होंने कहा, “मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि अमेरिका की विदेश नीति का प्रारंभिक उद्देश्य दुनिया भर में शांति है।” लेकिन उन्होंने आतंकवादियों की ओर इशारा करते हुए इस बात को रेखांकित किया कि गत सदी की अपेक्षा इस सदी की चुनौतियां अलग हैं।
केरी ने कहा, “इस 21वीं सदी में संघर्ष की परिभाषा गैर सत्ता पोषित तत्वों के माध्यम से दी जाती है। वैश्विक प्रणाली अब पूर्व तथा पश्चिम एवं उत्तर तथा दक्षिण के बीच विभाजित नहीं है, जिसके कारण राष्ट्र सीमा पार के खतरों को नजरअंदाज नहीं कर सकता। जिस दुनिया में हम रह रहे हैं, उसमें खतरा ज्यादा दूर नहीं होता।”
उन्होंने कहा कि अमेरिका समस्त क्षेत्र की स्थिरता व सुरक्षा के लिए नजदीकी देशों जैसे जापान से सहयोग बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा, “हम बेहद मुश्किल से समझ पाए हैं कि जो खतरा हम आज झेलते हैं, वे पारंपरिक नहीं हैं। हमारे दुश्मन ऐसे हैं, जिनके पास न वायुसेना है, न नौसेना है और वे वर्दी भी नहीं पहनते हैं, फिर भी वे बेहद खतरनाक हैं।”
केरी ने कहा, “उनमें से इस्लामिक स्टेट (आईएस), अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख हैं।”