(उज्जैन)– विक्रांत भैरव स्थान को अपना साधना स्थल बनाए गोविन्द प्रसाद उर्फ़ “डबराल बाबा “ आज दिव्य जोति में समा गए.अमावस्या को उनका पार्थिव शरीर अग्नि को समर्पित होगा .विक्रम विश्वविद्यालय में उच्च पद को सुशोभित कर चुके डबराल बाबा ने काल भैरव को अपना ईष्ट मान साधना का वह चरम स्वरूप प्राप्त किया जिसके द्वारा असंख्य जन-मानस को उन्होंने पीड़ा से मुक्ति दिलाई.
प्रत्येक रविवार डबराल बाबा विक्रांत-भैरव श्मशान में मिल जाया करते थे .अन्य दिनों उज्जैन के अपने स्थान पर वह लोगों को पीड़ा से मुक्ति दिलाते थे .