रुपये की हालत कोमा में भर्ती मरीज की तरह हो गई है। सरकार का कमजोर नेतृत्व देश को कहां तक नीचे ले जाएगा इसका अंदाजा लगाना बहुत कठिन होता जा रहा है। ज्योतिषीय आधार पर भारत की लग्न कुंडली के स्वामी शुक्र का नीच राशिगत होना और बुध का अस्त होना यही मंहगाई की जड़ है।
मंगल भी कर्क राशिगत होकर नीच के हो गए हैं जो स्वतंत्र भारत की जन्म राशि है। व्यापार के स्वामी मंगल, धन के स्वामी बुध और लग्न के स्वामी शुक्र की स्थिति वर्तमान समय में अनुकूल नहीं है। इससे मंहगाई सारे रिकार्ड तोड़ रही है।
बुध के अस्त होने और मंगल तथा शुक्र के नीच राशिगत होने से मंहगाई आम जनता की पहुंच से बाहर हो जाएगी। और अब मैं यह भी भविष्यवाणी कर रहा हूं कि सितंबर के दूसरे सप्ताह से महंगाई कम होनी शुरू होगी। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक काफी नियंत्रण में होगी। डालर के मुकाबले रुपये में कुछ मजबूती आनी शुरू हो जाएगी।
इस वर्ष स्वतंत्र भारत की कुंडली से 15 अगस्त 2013 के वर्षलग्न में मुंथा अष्टमभाव में है, जो अशुभ है। वर्तमान समय में भारत की कुंडली में राहू की महादशा में राहू की ही अंतर्दशा चल रही है जो मार्च 2014 तक रहेगी, उसके बाद बृहस्पति की अंतर्दशा चलेगी जो आम जनता के लिए शुभ संकेत है।
यह वर्ष जाते-जाते भी कोई बड़ी राहत देने वाला नहीं है, लेकिन सितंबर के दूसरे सप्ताह और अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से मंहगाई एवं मुद्रा कि स्थिति में सुधार आएगा। शेयर बाज़ार में लंबे समय के लिए निवेश की दृष्टि से यह समय बिलकुल अनुकूल हैं। किसी अफवाह या जल्दबाजी में घबराकर नुकसान न उठाएं, किन्तु 15 सितंबर तक अपना लाभ बुक कर लें और बाजार से कुछ दिनों के लिए बाहर हो जाएं तो बेहतर रहेगा।