अगर आप अभी तक अमरनाथ जाकर बाबा बर्फानी के दर्शन नहीं कर पाएं हैं तो आपके पास सुनहरा मौका है। अब अमरनाथ गुफा की बजाए आप गुजरात जाकर पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं।
दरअसल सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के भौतिकी विभाग के श्रीलाल झा ने बर्फ के शिवलिंग का निर्माण किया है। वैज्ञानिक तकनीक से बनी ये शिवलिंग खुले वातावरण में लंबे समय तक जमा रह सकता है। श्रीलाल झा ने बताया कि इसको बनाने में लिक्विड नाइट्रोजन और बर्फ का इस्तेमाल किया गया है।
एयरकंडिशनिंग कंप्रेशर के जरिए शिवलिंग को जमाया गया। जो हवा से मौजूद नमी की सहायता से शिवलिंग पर एक सफेद परत जमा देती है। इससे हिमलिंग लंबे समय तक जमी रहती है।
हालांकि बाद में उन्होंने इस बात को जोड़ा कि ये देखने में अमरनाथ की पवित्र शिवलिंग जैसा नहीं है। इस शिवलिंग को खुले वातावरण में साउंडप्रूफ जगह पर रखा गया है।
वैज्ञानिक तकनीक से निर्मित शिवलिंग को गुजरात के वलेतवा गांव के मनकामेश्वर पारदेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित किया गया है। इस शिवलिंग की ऊंचाई 3 फीट और इसका व्यास 1.3 फीट है।
शिवलिंग को बनाने वाले श्रीलाला झा ने बताया कि शिवलिंग के रख रखाव का खर्च 32 सौ रुपये प्रति महीना है।
जबकि इसके निर्माण पर कुल 1.25 लाख रुपए खर्च हुआ है।
मंदिर के ट्रस्टी शिवलिंग को अमरनाथ गुफा के जैसे दिखने वाले स्थान पर इस शिवलिंग को स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। गुजरात से हर साल पचास हजार श्रद्धालु अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए जाते हैं। अब वे श्रद्धालु अपने घर में ही बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे।
क्या कहते हैं धार्मिक विषयों के जानकार
वैदिक ज्योतिष एवं धार्मिक विषयों के जानकार पण्डित भानु प्रताप मिश्र बताते हैं कि धातु और पत्थरों के शिवलिंग की स्थापना का वर्णन शिव पुराण में मिलता है लेकिन बर्फ के शिवलिंग की स्थापना का जिक्र कहीं नहीं है।
जहां तक इसके दर्शन से पुण्य प्राप्ति की बात करें तो शिवलिंग किसी भी चीज का बना हो विधि पूर्वक नियमित पूजा करने से उसमें शिव शक्ति का समावेश होने लगता है। कालांतर में शिवलिंग की पूजा से पुण्य की प्राप्ति होने लगती है।