लखनऊ। अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रस्तावित चौरासी कोसी यात्रा को प्रतिबंधित करने पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से पुनर्विचार करने को कहा है। वाजपेयी ने चेताया कि संतों का आग्रह टाला तो जनाक्रोश भुगतना होगा।
वाजपेयी ने कहा कि विहिप के शीर्ष नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से भेंट कर यात्रा की अनुमति देने का आग्रह करते हुए विवादित बिन्दुओं का समाधान भी किया गया था। जिस पर सरकार ने अनुकूल कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया लेकिन लगता है भ्रामक तथ्यों के आधार पर यात्रा को प्रतिबंधित करने का फैसला ले लिया गया। वाजपेयी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आग्रह किया कि निर्णय पर स्वस्थ्य मन से पुनर्विचार कर अनुमति देने का काम करें अन्यथा सरकार को जनाक्रोश के रूप मे परिणाम भुगतना होगा।
योगी को जलाभिषेक करने से रोकना तुष्टिकरण का परिचायक-
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जलाभिषेक करने झांसी जा रहे सांसद योगी आदित्यनाथ को कानपुर में गिरफ्तार करने की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह फैसला सरकार की सांप्रदायिक व तुष्टिकरण वाली नीति का परिचायक है। इससे बेहतर होता अखिलेश सरकार मंदिर में जलाभिषेक कराने की उचित व्यवस्था करती। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सपा सरकार की वोट बैंक की लालच वाली नीतियों को समझने लगी है। बहुसंख्यकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के खिलाफ जनता वक्त आने पर बदला लेने को तैयार है।
84 कोसी परिक्रमा निरस्त होगी न स्थगित : चिन्मयानंद-
सुल्तानपुर- संतों ने चौरासी कोसी परिक्रमा का जो निर्णय पूर्व में लिया था वह अडिग है। सरकार कोई भी निर्णय ले संत समाज झुकने वाला नहीं है। परिक्रमा होगी, यह न स्थगित होगी और न ही निरस्त की जाएगी। यह बात सोमवार की देर शाम आनन-फानन में बुलाई गई पत्रकार वार्ता में पूर्व सांसद व बीएचपी के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल सदस्य स्वामी चिन्मयानंद ने कही। शहर में आज विहिप की गोष्ठी थी, उसके पूर्व दोपहर बाद चिन्मयानंद ने पत्रकार वार्ता की थी। जिसमें उन्होंने संत समाज और सरकार के बीच हुई बातचीत का ब्योरा रखा था, यह भी कहा था केंद्र सरकार संसद में बिल लाए। गोष्ठी में परिक्रमा पर विस्तृत चर्चा भी हुई थी। मगर शाम होते-होते दिन के कार्यक्रम की बातें एक किनारे हो गई और संत व बीएचपी नए तेवर में नजर आइ।
दोपहर बाद आयोजित स्वामी चिन्मयानंद की प्रेस वार्ता से। शहर के बढ़ैयावीर स्थित एक निजी कांफ्रेंस हाल में पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने पत्रकारों से परिक्रमा को लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से हुई मुलाकात की चर्चा की। बताया कि परिक्रमा मार्ग में सुरक्षा, संरक्षण व सुविधा के बाबत बीएचपी का प्रतिनिधिमंडल मिला था। दोनों नेताओं का रुख संजीदा व सकारात्मक दिखा। पर, निर्धारित मार्ग को लेकर आपत्ति थी। संतों की बात सुनने के बाद मुलायम ने सुरक्षा अधिकारियों से बीएचपी नेताओं की मौजूदगी में परिक्रमा मार्ग के निरीक्षण को कहा था। चिन्मयानंद ने दावा किया था कि जहां-जहां मार्ग में सरकार को आपत्ति है उसे एक-दो दिन में ठीक कर लिया जाएगा। इसके बाद क्षत्रिय भवन में विहिप की गोष्ठी हुई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में भाजपा सहित अनुसांगिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। यहां भी परिक्रमा और मंदिर निर्माण को लेकर विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई। चिन्मयानंद यहां भी मुख्य वक्ता के रूप में मुखातिब थे। कहा कि 18 अक्टूबर तक संसद में मंदिर निर्माण के लिए कानून न बना तो पूरे देश में उसी दिन संकल्प दिवस मनाया जाएगा। यहीं से मंदिर आंदोलन की बड़ी शुरुआत होगी। इसके पूर्व परिक्रमा को सफल बनाने की रूपरेखा तय की गई। उधर, देर शाम सपा सरकार के परिक्रमा पर रोक लगाने के फैसले से दिन भर का कार्यक्रम एक किनारे हो गया। स्वामी चिन्मयानंद ने एलान किया है कि न तो परिक्रमा निरस्त होगी और न ही स्थगित। जरूरत पड़ी तो संत समाज गिरफ्तारी भी देगा। स्वामी ने कहा कि परिक्रमा के लिए इजाजत न देकर सपा सरकार ने साधू-संत व हिंदू समाज के साथ विश्वासघात किया है। संतों का प्रतिनिधिमंडल जब लखनऊ में मुलायम सिंह से मिला था। तो लोगों को उम्मीद जगी थी कि पीएम पद का दावेदार नेता राष्ट्रीय समस्याओं को समझेगा और उसके समाधान में पहल करेगा। लेकिन परिक्रमा को लेकर उनका व्यवहार दुखद है। सरकार का जो भी फैसला आया हो संत समाज अपने निर्णय पर अडिग है।
वहीं देर रात अयोध्या के चौरासी कोसी परिक्रमा पर संतों के निर्णय को प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर देने पर विहिप ने खासी नाराजगी जताई है। सोमवार देररात आपात बैठक कर परिषद के शीर्ष पदाधिकारियों ने कार्यक्रम को पूर्ववत जारी रखने का ऐलान किया। विहिप ने रात साढ़े नौ बजे आपात बैठक बुलाई। जिसमें शामिल होने के लिए परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपतराय व परिक्रमा प्रभारी राजेश पंकज भी पहुंचे। बैठक में केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य स्वामी चिन्मयानंद व काशी प्रांत अध्यक्ष भी शामिल हुए।