पटना, 3 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी पटना में बुधवार को छात्रवृत्ति की राशि में कटौती सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर विधानसभा मार्च करने पहुंचे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
इस घटना में दर्जन भर छात्र चोटिल हुए हैं जिन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती कराया गया है। इधर, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी पीएमसीएच पहुंचे और घायल छात्रों से मिले और उनका हालचाल जाना।
पुलिस के अनुसार, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र छात्रवृत्ति की राशि में कटौती के विरोध में तथा विभिन्न मांगों को लेकर ‘छात्र कल्याण संघ’ के बैनर तले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विधानसभा मार्च करने वाले थे।
इस मार्च में भाग लेने के लिए राज्य के विभिन्न जिले के छात्र पटना पहुंचे थे। इसी क्रम में छात्र महेंद्रू छात्रावास से विधानसभा मार्च के लिए रवाना हुए। इधर, पुलिस छात्रों को जेपी गोलंबर के पास रोक दिया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस द्वारा छात्रों को समझाने की कोशिश की गई परंतु जब छात्र नहीं माने तो पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज के कारण 12 से ज्यादा छात्रों को चोटें आई हैं।
छात्र नेताओं ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाते हुए कहा है कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने वाले छात्रों पर लाठी बरसाई गई है। सभी घायल छात्रों को पीएमसीएच में भर्ती करा दिया गया है।
इधर, छात्रों से मिलने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि छात्रवृति की कटौती की लड़ाई अब सदन से लेकर सड़क तक होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार छात्र विरोधी है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दलित छात्रों की मैट्रिक (10 वीं) के बाद छात्रवृत्ति की राषि घटा कर एक लाख से 15 हजार रुपये करने का विरोध कर रहे दलित छात्रों पर लाठीचार्ज की घोर भर्त्सना करते हुए कहा कि सरकार दोषी पुलिसकर्मियों को चिन्ह्ति कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और अविलम्ब छात्रवृत्ति की कटौती को वापस ले।
उन्होंने कहा कि गुरुवार को बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों में यह मुद्दा उठाया जाएगा और सरकार से जवाब की मांग की जाएगी।
मोदी ने कहा कि दलित छात्रों की छात्रवृत्ति की राशि में कटौती कर एक लाख से मात्र 15 हजार कर दिया गया है। इसके कारण तकनीकी संस्थानों में पढ़ रहे सैकड़ों दलित छात्रों को बीच में पढ़ाई छोड़ने के लिए विवश होना पड़ रहा है।