अहमदाबाद, 31 जुलाई (आईएएनएस)। ऊंची जाति के हिंदू कार्यकर्ताओं द्वारा दलितों पर हमले के विरोध में हजारों दलितों ने रविवार को यहां मरे हुए पशुओं को नहीं उठाने का संकल्प लिया।
पूरे गुजरात से जुटे करीब 30 दलित समूहों ने यहां एक रैली की। रैली में ही सामूहिक रूप से यह प्रण लिया गया कि मरे हुए पशु नहीं उठाएंगे। इस रैली को जमीयत-ए-उलेमा-हिंद का समर्थन था।
हालांकि जहां रैली हुई, वहां की क्षमता करीब पांच हजार लोगों की ही है, लेकिन रैली में लोगों की भीड़ उमड़ी। हजारों लोग आसपास के खाली स्थानों पर खड़े दिखे।
आयोजकों ने कहा कि दलितों की ताकत दिखाने का मतलब इस समुदाय के उत्पीड़न के खिलाफ उनका विरोध है, खासकर उना में चार दलित युवकों की पिटाई का विरोध करना।
गुजरात में ऐसा पहली बार हुआ है जब पूरे राज्य से 30 दलित समूह दशकों से मौजूद समस्याओं के खिलाफ एक साथ जुटे हैं।
उन लोगों ने उना दलित अत्याचार लाडात समिति के बैनर तले यह रैली की, जिसके संयोजक जिग्नेश मेवानी थे।
मेवानी वकील हैं, जो दलितों के लिए कई अदालतों में मुकदमा लड़ रहे हैं।