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 बैद्यनाथधाम : जहां लगती है दुर्लभ बेलपत्रों की प्रदर्शनी | dharmpath.com

Monday , 25 November 2024

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बैद्यनाथधाम : जहां लगती है दुर्लभ बेलपत्रों की प्रदर्शनी

देवघर, 31 जुलाई (आईएएनएस)। महादेव के प्रिय महीने सावन में लाखों लोग प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में एक झारखंड के देवघर जिले के बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर पहुंचकर कामना लिंग पर जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि सावन में गंगाजल से बाबा का जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, लेकिन गंगाजल के साथ बेलपत्र भी भगवान शिव को अतिप्रिय है।

देवघर, 31 जुलाई (आईएएनएस)। महादेव के प्रिय महीने सावन में लाखों लोग प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में एक झारखंड के देवघर जिले के बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर पहुंचकर कामना लिंग पर जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि सावन में गंगाजल से बाबा का जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, लेकिन गंगाजल के साथ बेलपत्र भी भगवान शिव को अतिप्रिय है।

बेलपत्र के इसी महत्व के कारण बैद्यनाथधाम के पुरोहितों द्वारा दुर्लभ बेलपत्रों की प्रदर्शनी लगाई जाती है। ये पुरोहित दूर-दराज के जंगलों से दुर्लभ प्रजाति के बेलपत्र चुन कर लाते हैं और मंदिर परिसर में दुर्लभ बेलपत्रों की अनोखी प्रदर्शनी लगाई जाती है। इस प्रदर्शनी को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु इकठ्ठे रहते हैं।

पुरोहितों व बांग्ला पंचांग के मुताबिक, सावन संक्रांति के बाद प्रत्येक सोमवार को यहां बेलपत्र की प्रदर्शनी लगाई जाती है। बेलपत्र प्रदर्शनी में पुरोहित समाज के ही लोग हिस्सा लेते हैं, जिनमें ‘जनरैल’, ‘बरनैल’, ‘बमबम बाबा’ ‘राजाराम समाज’, ‘शांति अखाड़ा’ सहित विभिन्न पुरोहित समाज के लोग शामिल होते हैं।

बैद्यनाथ धाम के मुख्य पुजारी दुर्लभ मिश्रा बताते हैं कि यह प्रदर्शनी बांग्ला पंचांग के मुताबिक, सावन माह में संक्रांति के बाद प्रत्येक सोमवार की शाम मंदिर परिसर में लगती है। दुर्लभ बेलपत्रों को इकट्ठा कर चांदी के थाल में चिपकाया जाता है और मंदिर में चढ़ाने के बाद इसे प्रदर्शनी में शामिल किया जाता है।

एक अन्य पुजारी श्रीनाथ पंडा का कहना है कि ऐसा नहीं कि किसी भी बेलपत्र को प्रदर्शनी में लाया जा सकता है। इस प्रदर्शनी में उन्हीं बेलपत्रों को शामिल किया जाता है, जिनकी खोज पुजारी समाज के लोग खुद जंगलों से करते हैं।

उन्होंने बताया कि स्थानीय त्रिकूट पर्वत पर आज भी ऐसे कई बेल के वृक्ष हैं जो दुर्लभ हैं। इन्हीं वृक्षों के बेलपत्रों को इकट्ठा किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में शामिल बेलपत्रों में दुर्लभ बेलपत्रों की पहचान बुजुर्ग पुरोहित करते हैं।

अंतिम सोमवार को सबसे दुर्लभ तथा अद्भुत बेलपत्र लाने वाले पुजारी समाज को पुरस्कृत किया जाता है।

यह प्राचीन परंपरा और प्रदर्शनी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहती है।

राजाराम विल्वपत्र समाज के अध्यक्ष प्रेमशंकर मिश्र बताते हैं कि इस दुर्लभ प्रदर्शनी किसी अन्य ज्योतिर्लिगों में देखने को नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि यह परंपरा काफी प्राचीन है। सावन महीने के अंतिम सोमवार को अत्यंत दुर्लभ बेलपत्र को इकठ्ठा करने वाले पुरोहित समाज को पुरस्कृत किया जाता है।

देवघर स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बैद्यनाथ धाम में भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिगों में नौवां ज्योतिर्लिग है। यह ज्योतिर्लिग ऐसे तो सभी ज्योतिर्लिगों में सर्वाधिक महिमामंडित माना ही जाता है।

बैद्यनाथधाम में कांवड़ चढ़ाने का बहुत महत्व है। शिव भक्त सुल्तानगंज से उत्तर वाहिनी गंगा से जलभर कर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर यहां पहुंचते हैं और भगवान का जलाभिषक करते हैं।

यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, परंतु सावन महीने में यहां शिवभक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है। प्रतिदिन यहां करीब एक लाख भक्त यहां आकर ज्योतिर्लिग पर जलाभिषेक करते हैं। इनकी संख्या सोमवार के दिन और बढ़ जाती है।

बैद्यनाथधाम : जहां लगती है दुर्लभ बेलपत्रों की प्रदर्शनी Reviewed by on . देवघर, 31 जुलाई (आईएएनएस)। महादेव के प्रिय महीने सावन में लाखों लोग प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में एक झारखंड के देवघर जिले के बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर पहुंचकर कामना लिं देवघर, 31 जुलाई (आईएएनएस)। महादेव के प्रिय महीने सावन में लाखों लोग प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में एक झारखंड के देवघर जिले के बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर पहुंचकर कामना लिं Rating:
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