ज्योतिषशास्त्र में 21वें नक्षत्र के रूप में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र को मान्यता प्राप्त है। इस नक्षत्र के तीन चरण मकर राशि में होते हैं जबकि एक चरण धनु राशि में होता है।
इसलिए इन दोनों राशियों में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के ऊपर इस नक्षत्र का प्रभाव होता है। इस नक्षत्र के देवता सूर्य हैं जिसके कारण इस नक्षत्र से प्रभावित व्यक्ति साहसी और धैर्यवान होते हैं। न्याय और नियम कानून का संजीदगी से पालन करते हैं। ऐसे व्यक्ति प्राचीन मान्यताओं पर विश्वास रखते है और परिवार की मर्यादा का पालन करते हैं।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति खुशमिजाज होते हैं। अपने इस स्वभाव के कारण मित्रों में यह काफी लोकप्रिय होते हैं और इनकी दोस्ती का दायरा बड़ा होता है। सामाजिक कार्यों में इनकी रूचि रहती है इसलिए समाज में इन्हें मान-सम्मान भी मिलता है।
पढ़ने-लिखने में यह काफी होशियार होते हैं। अमतौर पर जिनका जन्म धनु राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होता है वह किसी विषय के विद्वान होते हैं। नौकरी एवं व्यवसाय दोनों में ही इन्हें सफलता मिलती है। आर्थिक दृष्टि से यह संपन्न होते हैं। जब कभी आर्थिक परेशानी आती भी है तो चतुराई और बुद्घिमानी से इसका हल निकाल लेते हैं।
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को साझेदारी के काम में सजग रहना चाहिए क्योंकि साझेदारी के काम में इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र की महिलाएं
जिन महिलाओं का जन्म उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होता है उनकी नाक लंबी होती है और माथा चौड़ा होता है। ऐसी महिलाएं बड़ी ही जिद्दी लेकिन पढ़ने-लिखने में होशियार होती है। यह अपनी बातों को हमेशा ऊपर रखना पसंद करती हैं। इनकी मर्जी के विरूद्घ बात होने पर लड़ने के लिए रहती हैं। इसलिए दांपत्य जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कैरियर के मामले में ऐसी महिलाओं का भाग्य बड़ा साथ देता है। शिक्षा एवं बैंकिंग के क्षेत्र में इन्हें अच्छी सफलता मिलती है। इन्हें गर्भाशय संबंधी रोग होने की संभावना रहती है।