30 लाख किसान लाभान्वित
किसान पंचायत/महापंचायत में हुए निर्णयों से किसानों को मिली अनेक सुविधाएँ
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये विगत 9 वर्ष में किसानों के हित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। राज्य शासन द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में वर्ष 2012 में 30 लाख किसान को जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर 9000 करोड़ रुपये के फसल ऋण उपलब्ध करवाये गये हैं। प्रदेश में पूर्व के वर्षों में 15 से 16 प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण मिल पाता था। वर्तमान सरकार ने वर्ष 2006 में इसे घटाकर 7 प्रतिशत, 2008 में 5 प्रतिशत, वर्ष 2010 में 3 प्रतिशत और वर्ष 2011 में जीरो प्रतिशत ब्याज पर किसानों को खाद बीज के लिये ऋण उपलब्ध करवाया, जिससे लाखों किसानों को फायदा हो रहा है।
जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को फसल ऋण मिलने पर वसूली के प्रतिशत में भी इजाफा हुआ है। अकेले वर्ष 2012 में ही वसूली का प्रतिशत 78.04 तक पहुँच गया है। सहकारिता के क्षेत्र में इस अवधि में लिये गये एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के जरिये अब प्रदेश में 45 लाख किसान के पास किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में पहली बार 30 अगस्त 2006 को किसान पंचायत में किसानों से सीधा संवाद किया और भावी रणनीतियों के विषय में उनके सुझाव माँगे। उन्होंने कृषि विभाग का नाम बदलकर किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग किया। किसानों के कल्याण के लिये राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों और योजनाओं में कृषि यंत्रों पर कोई नया कर नहीं लगाया। साथ ही किसानों को स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई जैसे उपकरण की खुले बाजार में छूट प्रदान की गई।
किसानों को कृषि अनुसंधान एवं नवीनतम ज्ञान का लाभ देने के लिये निजी क्षेत्र के सहयोग से कृषि एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के वर्तमान प्रावधानों में परिवर्तन किया जा रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में फसलों, फल, सब्जी, जैविक उत्पादों आदि के क्षेत्र निर्धारित कर प्र-संस्करण इकाइयों की स्थापना की गई। बलराम तालाबों के लिये सामान्य वर्ग के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 80 हजार रुपये और अनुसूचित जाति-जनजाति के कृषकों को लागत का 75 प्रतिशत अधिकतम एक लाख रुपये अनुदान दिया जा रहा है।
बैलगाड़ी और बैलजोड़ी खरीदने के लिये 2 हेक्टेयर जोत तक के केवल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के कृषकों को बैलगाड़ी क्रय करने पर कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5000 रुपये प्रति बैलगाड़ी जो भी कम हो, अनुदान दिया जा रहा है। किसानों की सुविधा के लिये प्रदेश की मंडियों में इलेक्ट्रानिक तौल-काँटे स्थापित किये गये हैं।
किसान पंचायत में की गई घोषणा के अनुसार राज्य किसान-कल्याण आयोग का गठन किया गया। इसी तरह 20 फरवरी 2008 की किसान महापंचायत की घोषणा के पालन में भारत सरकार द्वारा घोषित गेहूँ के समर्थन मूल्य 1000 रुपये प्रति क्विंटल पर राज्य शासन द्वारा 100 रुपये प्रति क्विंटल उपार्जन बोनस दिया गया। वर्तमान में 3 फरवरी 2013 को आयोजित किसान महापंचायत की घोषणा अनुसार 1350 रुपये प्रति क्विंटल पर 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है। नलकूप खनन पर सभी वर्ग के कृषकों को 40 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इसी पंचायत की घोषणा की पूर्ति में किसानों को साल में सिर्फ दो बार बिजली का बिल भरने की सुविधा देने के साथ ही फ्लेट रेट 1200 रुपये प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष घोषित किया गया है। इसी पंचायत की घोषणा की पूर्ति में प्रदेश के किसानों को विदेशों में होने वाली उन्नत खेती से परिचित करवाने के लिये मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना प्रारंभ की गई है।