अनिल सिंह(भोपाल)— राघव जी द्वारा किया काण्ड उजागर होने के बाद हम पहुंचे भाजपा मुख्यालय और भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं से बात की ——
कोई कुछ समझ नहीं पा रहा है
कोई भी कार्यकर्ता यह नहीं समझ पा रहा है की यह क्या हो गया ,जिस अपने नेता को ये कार्यकर्ता देवतुल्य समझते थे वह इतनी घिनौनी हरकत करता होगा।अब कार्यकर्ताओं का शक अपने सभी नेताओं पर जा रहा है,किसी न किसी रूप में सभी नेता शक के दायरे में आ रहे हैं।कार्यकर्ताओं का कहना है की क्या हम इन्ही लोगों के नेतृत्व में स्वर्णिम भारत बनाने का स्वप्न देखते हैं।
कार्यकर्ता खुद को ठगा महसूस कर रहा है
भाजपा कार्यकर्ता अब यह नहीं समझ पा रहा है कि वह क्या करे ,भाजपा का कार्य उसी निष्ठां से करें या किनारा कर लें।
कांग्रेसी नेताओं और भाजपा नेताओं से कार्यकर्ताओं के संबंधों की होने लगी तुलना
भाजपा के कार्यकर्ता अब नेताओं और कार्यकर्ताओं के भाजपा में एवं कांग्रेस में संबंधों का तुलनात्मक अध्ययन करने और चर्चा में मशगूल हैं।
अब कुछ और नेताओं के प्रति भी आवाज उठ रही है
कुछ पुराने कार्यकर्ता अब अपने हुए दुष्कर्मों के प्रयास के बारे में दबी जबान से स्वीकोरोक्ति देने लगे हैं लेकिन भय वश सामने आने में घबराते है।
मेनन जी के सामने बैठने में असहज महसूस हो रहा था
कल जब व्यापारी प्रकोष्ठ से कार्यकर्ता निकले तो उनसे हमने चर्चा की कार्यकर्ता कह रहे थे कि मंच पर मेनन जी भाईसाब बैठे थे और हमें लग रहा था जैसे राघव जी बैठे हैं।