नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) से कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के बारे में कुछ जानकारी मांगी।
सज्जन कुमार की जमानत रद्द करने के लिए एसआईटी की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस.पी. गर्ग ने एजेंसी को दंगों के दौरान सज्जन कुमार की उपस्थिति की तिथि और समय बताने को कहा है।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 फरवरी निश्चित की है।
एसआईटी ने व्यवहार न्यायालय के 21 दिसम्बर, 2016 के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है जिसमें 1984 के दंगों से संबंधित मामलों में सज्जन कुमार को अग्रिम जमानत दी गई है।
एसआईटी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने अदालत से कहा कि मामले की जांच चल रही है और सज्जन कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए हिरासत लेकर उनसे पूछताछ करना जरूरी है।
हाल में मामले की जांच हाथ में लेने वाली एसआईटी से अदालत ने इस मामले में साल 2016 में सज्जन कुमार का नाम शामिल करने का कारण पूछा।
इस पर जैन ने कहा, ” ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि एसआईटी के गठन के बाद कुछ गवाहों और शिकायतकर्ताओं ने अपना बयान दर्ज कराने का साहस दिखाया।”
व्यवहार न्यायालय ने उस मामले में सज्जन कुमार को अग्रिम जमानत दी जिसमें उन पर 1 नवम्बर, 1984 में जनकपुरी में दो सिखों की हत्या के लिए भीड़ को उकसाने और अगले दिन एक और की हत्या के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप है।
हमले में बुरी तरह जले गुरुचरण सिंह 29 वर्षो तक बिस्तर पर पड़े रहे। तीन साल पहले उनका निधन हुआ।
दो सिख अंगरक्षकों द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भड़के दंगों में लगभग 3000 सिख मारे गए थे जिनमें अधिकांश दिल्ली के थे।