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 8 सिंचाई परियोजनाओं को लगभग 6464 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति (मंत्रि-परिषद् के निर्णय) | dharmpath.com

Saturday , 23 November 2024

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8 सिंचाई परियोजनाओं को लगभग 6464 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति (मंत्रि-परिषद् के निर्णय)

cm-shivraj singh15 नये कॉलेज मंजूर – 16 में नये संकाय, यूजीसी छठें वेतनमान के एरियर्स का होगा भुगतान, मध्यप्रदेश लोक सेवा अभिकरण का गठन, बाल-विवाह करने पर नौकरी की अपात्रता का प्रावधान समाप्त

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में 8 सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासकीय/पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई। कुल 6463 करोड़ 99 लाख रुपये लागत की इन सिंचाई परियोजनाओं की रूपांकित क्षमता 4 लाख 16 हजार 783 हेक्टेयर है।

सागर जिले की सूरजपुरा मध्यम सिंचाई परियोजना को 70.61 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। परियोजना की रूपांकित सिंचाई क्षमता 4205 हेक्टेयर है। सिवनी जिले की अपर तिलवारा नहर परियोजना को 120.02 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। परियोजना की रूपांकित सिंचाई क्षमता 45 हजार 256 हेक्टेयर है।

विदिशा जिले की 2905 हेक्टेयर की रूपांकित सिंचाई क्षमता वाली रेहटी मध्यम सिंचाई परियोजना को 53.41 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। विदिशा की ही सगड़ मध्यम सिंचाई परियोजना को 296.64 करोड़ की पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई। परियोजना की रूपांकित सिंचाई क्षमता 17 हजार 61 हेक्टेयर है। इसी जिले की संजय सागर (बाह्) मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 291.95 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इसकी रूपांकित सिंचाई क्षमता 17 हजार 807 हेक्टेयर है। सीधी जिले की गुलाब सागर (महान) परियोजना को 486.96 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इसकी रूपांकित सिंचाई क्षमता 20 हजार 175 हेक्टेयर है। इसी प्रकार बाणसागर बहुउद्देश्यीय परियोजना शीर्ष कार्य (यूनिट-1) तथा नहर कार्य (यूनिट-2) को क्रमश: 1620.02 करोड़ तथा 3524.38 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। प्रत्येक यूनिट से मध्यप्रदेश में होने वाली रूपांकित सिंचाई क्षमता 1 लाख 54 हजार 687 हेक्टेयर है।

15 नये कॉलेज

मंत्रि-परिषद् ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र में 15 नये कॉलेज स्थापित करने तथा 16 वर्तमान कॉलेज में नये संकाय/विषय/स्नाकोत्तर करने के लिए मंजूरी दी। नये कॉलेज में शाहगढ़ (सागर), तेंदूखेड़ा (नरसिंहपुर), सतवास (देवास), सेमरिया (रीवा), मनगवाँ (रीवा), बटियागढ़ (दमोह), कुसमी (सीधी), बरेला (जबलपुर), अकोड़ा (भिण्ड), चंदला (छतरपुर), मझगवां (सतना), उचेहरा (सतना), गुन्नोर (पन्ना) और लाड़कुई (सीहोर) शामिल हैं। इसके अलावा अनुदान प्राप्त अशासकीय बापू महाविद्यालय नौगांव (छतरपुर) को महाविद्यालय मान्य करने की स्वीकृति दी गई है।

इसी प्रकार जिन कॉलेजों के लिए नये संकाय/विषय/स्नाकोत्तर कक्षाओं की स्वीकृति दी गई उनमें बंडा, पनागर, पाटन, मंझौली, देवसर, पथरिया, भाबरा, अलीराजपुर, सांवेर, राऊ, सुसनेर, लहार, नलखेड़ा, सिंरोज, रतलाम, सिंगोली शामिल हैं। इनके लिए 474 नये पद भी स्वीकृत किए गए।

एरियर्स

मंत्रि-परिषद् ने महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों के शिक्षकों/अधिकारियों को यूजीसी के छठवें वेतनमान एरियर्स भुगतान का निर्णय लिया। एरियर्स एक जनवरी 2006 से 31 मार्च 2010 तक अवधि के हैं। एरियर्स एक जनवरी 2006 से 31 मार्च 2010 तक अवधि की कुल एरियर्स राशि में से भुगतान की जा चुकी अंतरिम राहत राशि का समायोजन करते हुए शेष राशि का भुगतान 3 छ:माही किश्त में किया जायेगा। राज्य शासन एवं विश्वविद्यालयों द्वारा प्रथम किश्त का भुगतान किए जाने के बाद आगामी किश्तों का भुगतान भारत सरकार से 80 प्रतिशत राशि की प्रतिपूर्ति होने के बाद किया जायेगा। विश्वविद्यालयों को उनके द्वारा भुगतान की गई राशि की 80 प्रतिशत राशि की प्रतिपूर्ति भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर राज्य शासन के माध्यम से की जायेगी।

लोक सेवा अभिकरण

मंत्रि-परिषद् ने मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के और अधिक प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा अभिकरण के गठन का निर्णय लिया। अभिकरण में द्वि-स्तरीय समितियाँ होंगी। साधारण परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री एवं उपाध्यक्ष मंत्री लोक सेवा प्रबंधन विभाग होंगे। परिषद के सदस्य सचिव, प्रमुख सचिव लोक सेवा प्रबंधन विभाग होंगे। इसी प्रकार द्वितीय समिति कार्यकारिणी समिति होगी, जिसके अध्यक्ष प्रमुख सचिव तथा सदस्य सचिव कार्यपालन संचालक मध्यप्रदेश लोक सेवा अभिकरण होंगे।

बाल-विवाह

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम के उस प्रावधान को समाप्त करने का निर्णय लिया जिसमें किसी भी उम्मीदवार द्वारा नियत की गई न्यूनतम आयु से पूर्व विवाह किए जाने पर उसे किसी सेवा या पद पर नियुक्ति की पात्रता नहीं होती थी। यह प्रावधान वर्ष 2000 में किया गया था।

अन्य निर्णय

  • जबलपुर में तीरंदाजी अकादमी तथा भोपाल, झाबुआ और मण्डला में तीरंदाजी सहायक प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित होंगे। इनके लिए 25 पद निर्माण की स्वीकृति।

  • नीलगाय एवं कृष्ण मृग द्वारा फसल क्षति करने पर किसानों को दिये जाने वाले मुआवजे के लिए वन सीमा के भीतर स्थित ग्रामों अथवा वन सीमा से 5 किलोमीटर की परिधि का प्रावधान समाप्त। अब पूरे प्रदेश में कहीं पर भी इस प्रकार की क्षति की होने पर किसानों को मुआवजा दिया जायेगा।

  • बारहवीं पंचवर्षीय योजना में ग्रामीण आबादी को अधिक से अधिक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने संबंधी कार्यों को मंजूरी। इसमें निर्मल ग्रामों/बसाहटों में नल-जल योजना के माध्यम से पेयजल व्यवस्था को प्राथमिकता।

  • पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में 50 कम्प्यूटर प्रोग्रामर के पद के स्थान पर 50 डाटा एन्ट्री आपरेटर तथा 50 लेखापाल के पद को भरने के लिए पूर्व में लगाई गई ई-पेमेंट की शर्त को समाप्त करते हुए पदों को भरने की अनुमति।

  • अपारम्परिक ऊर्जा उत्पादनों से बिजली क्रय करने के लिए डेव्हलपर्स द्वारा उत्पादित सम्पूर्ण या अधिशेष ऊर्जा को आरईसी पद्धति से एपीसी दर पर क्रय किया जायेगा। विद्युत क्रय अनुबंध के निर्धारण के लिए एमपी पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी अधिकृत।

  • मेसर्स झाबुआ पॉवर लिमिटेड द्वारा सिवनी जिले में स्थापित की जा रही 1 X 600 मेगावाट क्षमता (प्रथम चरण) की ताप विद्युत परियोजना के लिए 1.90 हेक्टेयर राजस्व भूमि का आवंटन।

  • रबी विपणन वर्ष 2012-13 में किसानों द्वारा स्वयं लाये गये 1 करोड़ 38 लाख 25 हजार 500 नग जूट बारदाना की राशि 13 करोड़ 82 लाख 55 हजार का नागरिक आपूर्ति निगम को भुगतान किये जाने की अनुमति।

  • आयुष विभाग में रीडर, संस्कृत रीडर, एलोपेथी निदेशक तथा व्याख्याता विज्ञान के 17 पद समर्पित कर व्याख्याता संस्कृत के 5 तथा एलोपेथी के 12 पद सृजन की स्वीकृति।

  • भिण्ड जिले की गोहद तहसील में बेसली बाँध के डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों को अंतरिम राहत भुगतान के लिए राहत मद से 47 लाख 10 हजार की स्वीकृति प्रदान करने की अनुमति।

  • मालवा क्षेत्र में निवासरत सोंधिया जाति राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के आधार पर पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल।

  • समेकित बाल संरक्षण योजना में बाल कल्याण समितियों तथा किशोर न्याय बोर्डों के अशासकीय पदाधिकारियों को 500 रुपये प्रति बैठक की दर से मानदेय की स्वीकृति।

  • नीमच जिले की सिंगोली तहसील के ग्राम पाड़लिया में मेसर्स वेलस्पन सोलर प्रायवेट लिमिटेड को सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए 69.934 हेक्टेयर भूमि नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को स्थानांतरण।

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