नई दिल्ली, 13 सितम्बर (आईएएनएस)। देश की सरकार आय में साझेदारी के नए मॉडल पर जल्द ही पहली बार 69 छोटे और सीमांत तेल एवं गैस फील्ड की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।
नए मॉडल के तहत कंपनियां उच्च और निम्न मूल्यों पर सरकार के साथ की जाने वाली आय साझेदारी की बोली लगाएंगी और उत्पादन बैंड की घोषणा करेंगी।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि इस मॉडल के तहत मूल्यों में होने वाली वृद्धि और उत्पादन वृद्धि दोनों ही स्थिति में सरकार को उचित हिस्सेदारी प्राप्त होगी।
नया मॉडल पुराने विवादास्पद उत्पादन साझेदारी ठेके (पीएससी) की जगह लेगा।
पीएससी व्यवस्था के तहत सरकार के साथ लाभ में साझेदारी करने से पहले कंपनियों को तेल एवं गैस की बिक्री कर अपनी लागत निकालने की सुविधा प्राप्त थी। इस व्यवस्था की देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) आलोचना कर रहे थे। क्योंकि इसके तहत कंपनियां लागत को बढ़ाचढ़ाकर दिखाकर सरकार के साथ साझेदारी को यथासंभव टालने की कोशिश करती थी।
सूत्र के मुताबिक, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लिमिटेड के 69 फील्ड में से 27 मुंबई के पास समुद्र में और 15 कृष्णा गोदावरी (केजी) बेसिन में हैं। 10 फील्ड असम में हैं।
आसपास के फील्ड को मिलाकर एक कर देने से कुल नीलामी वाले कुल फील्ड की संख्या घटकर 48 या इससे भी कम हो सकती है।
ओएनजीसी और ऑयल इंडिया ने क्रमश: 63 और छह फील्ड नीलामी के लिए रखे हैं।
सूत्र के मुताबिक, इन फील्ड में 5.08 करोड़ टन तेल और 53.45 अरब घन मीटर गैस है। इनमें सबसे बड़ा फील्ड मुंबई के समुद्र में स्थित डी-18 है, जिसमें 1.478 करोड़ टन तेल भंडार मौजूद है।