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 उप्र : किसानों ने भगवान भरोसे छोड़ी सूखती फसल | dharmpath.com

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उप्र : किसानों ने भगवान भरोसे छोड़ी सूखती फसल

October 24, 2015 12:08 pm by: Category: पर्यावरण Comments Off on उप्र : किसानों ने भगवान भरोसे छोड़ी सूखती फसल A+ / A-

2_1441434569लखनऊ(धर्मपथ)– उत्तर प्रदेश में इन दिनों मौसमी कहर के चलते फसल सूखे की चपेट में आ चुके हैं। बारिश की बाट जोह रहे किसान फसलों को सूखते देख परेशान हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर वे लाखों रुपये फसल पर खर्च करने के बाद अब क्या करें? फसलों को खेत में सूख जाने दें या फिर डीजल आदि खर्च करके किसी तरह धान की फसल को सूखने से बचाएं।

कुछ क्षेत्रों में किसान अपनी जोत के कुछ भाग को ट्यूबवेल या अन्य संसाधनों से सिंचाई कर फसल बचाने की कोशिश में हैं, जबकि अन्य खेतों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।

पूर्वाचल के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, देवरिया और कुशीनगर के कुछ भागों में पानी न बरसने से फसलें सूख रही हैं और किसान बेहाल हैं। जिन किसानों की माली हालत अच्छी है, वे तो डीजल खरीदकर पंपसेट से खेत में पानी भर रहे हैं, लेकिन जिनकी माली हालत ठीक नहीं है, वे अपनी फसलों को खेत में सूखने दे रहे हैं।

महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर विकास खंड के ग्राम पंचायत मझौली के किसान अशोक कुमार का कहना है कि उनकी आधे से ज्यादा फसल सूखने के कगार पर है। लगभग 50 हजार रुपये से ज्यादा का डीजल खरीदकर पंपसेट के माध्यम से खेत में पानी भरे हैं। लेकिन अभी भी धान की फसलों में पूरा पानी नहीं भरा जा सका है। पानी की कमी की वजह से इनमें रोग लगना भी शुरू हो गया है। रोग लग जाने पर ये फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगी।

फैजाबाद में मिल्कीपुर क्षेत्र के किसान अरुण कुमार वर्मा ने बताया कि उसके पास करीब आठ बीघा खेत है। पांच बीघे में उन्होंने धान बोया था। दो बीघे में उड़द और एक बीघे में जानवरों को खिलाने के लिए चरी बोई थी। लखनऊ के बनी क्षेत्र के किसान राम सरन गुप्ता खेतों में खड़ी फसल को देखकर काफी उदास हैं। फसलें सूख रही हैं, लेकिन वह कुछ कर नहीं पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मौसम की बेरुखी ने जिस तरह इस वर्ष रुलाया है, ऐसा कभी नहीं हुआ था।

सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि फसलों को सूखे से बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यादव ने सूखे की समस्या के समाधान के लिए हाल ही में बैठक भी बुलाई थी, जिसमें अधिकारियों से कहा गया कि खराब राजकीय नलकूपों को युद्धस्तर पर ठीक कराकर संचालित कराया जाए।

सिंचाई मंत्री ने ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव तथा प्रबंध निदेशक को हिदायत दी थी कि ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे को दृष्टिगत रखते हुए 20-25 दिन के लिए 12 से 15 घंटे हर हाल में विद्युत सप्लाई की व्यवस्था कराई जाए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ऐसे नलकूप जो लो वोल्टेज से प्रभावित हैं और जिनकी संख्या 2,500 है उन्हें सोलर ऊर्जा से संचालित कराया जाए।

शिवपाल ने मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंताओं को निर्देशित किया था कि वे सूखे से प्रभावित जिलों और क्षेत्रों का व्यापक निरीक्षण करें तथा सूखे से निपटने के लिए कारगर वैकल्पिक योजना भी तैयार करें। किसानों के साथ पूरी हमदर्दी एवं संवेदशीलता का दृष्टिकोण अपनाएं।

यादव ने चेतावनी भी दी थी कि किसानों के साथ लापरवाही करने वाले अधिकारी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सूखे की समस्या के स्थायी समाधान के लिए जल रोकने एवं संचित करने के लिए बांध, झील, जलाशय एवं नहरों को गहरा करने के लिए योजना बनाई जाए, जिससे भविष्य में सिंचाई के लिए पानी की कोई समस्या पैदा न हो सके।

उन्होंने कहा कि आगामी फसल को सींचने के लिए अभी से कारगर रणनीति बनाना शुरू कर दिया जाए। सिंचाई मंत्री ने प्रमुख सचिव से कहा कि वह प्रदेश में सूखे की स्थिति (कम वर्षा वाले और पानी की कमी वाले स्थानों का विवरण आदि) से केंद्र सरकार को अवगत कराने के लिए कदम उठाएं, ताकि केंद्र से सहयोग और सहायता प्राप्त की जा सके।

प्रमुख सिंचाई एवं जल संसाधन, दीपक सिंघल के अनुसार, प्रभावति जिलों में सूखा नियंत्रण कक्षों की स्थापना कर नोडल अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं। उन्होंने सिंचाई विभाग के मुख्यालय पर बनाए गए सूखा नियंणत्र कक्ष का फोन नंबर 0522-2612480 एवं कमांड सेंटर में स्थापित टोल फ्री नंबर 18001805450 की जानकारी दी और कहा कि किसान इन नंबरों पर अपनी समस्याओं के बारे में बता सकते हैं।

उप्र : किसानों ने भगवान भरोसे छोड़ी सूखती फसल Reviewed by on . लखनऊ(धर्मपथ)- उत्तर प्रदेश में इन दिनों मौसमी कहर के चलते फसल सूखे की चपेट में आ चुके हैं। बारिश की बाट जोह रहे किसान फसलों को सूखते देख परेशान हैं। उनकी समझ मे लखनऊ(धर्मपथ)- उत्तर प्रदेश में इन दिनों मौसमी कहर के चलते फसल सूखे की चपेट में आ चुके हैं। बारिश की बाट जोह रहे किसान फसलों को सूखते देख परेशान हैं। उनकी समझ मे Rating: 0
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