भोपाल-सड़क हादसों में कमी लाने और पीडि़तों की मदद के लिए तत्काल घटना स्थल पर पहुंचने के लिए मप्र पुलिस हेल्पलाइन, एप के बाद अब डायल 100 योजना भी अमल में आ रही है, लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी थानों की पुलिस सीमा विवाद के चक्कर में लोगों की जिंदगी तक की परवाह नहीं करती हैं। ताजा मामला शनिवार देर रात रायसेन जिले का है। जहां ओबेदुल्लागंज और मंडीदीप थानों के बीच गाड़ी ट्रक की टक्कर से पुलिया पर लटक गई। इसमें 12 लोग सवार थे। समय रहते दोनों थाना पुलिस को सूचना दे दी गई, लेकिन मदद करने से पहले थाना प्रभारी सीमा नापने में लग गए। जिस वजह से यात्रियों को समय पर राहत नहीं मिल सकी। स्थानीय ग्रामीणों ने यात्रियों को सुरक्षित निकाला। जानकारी के अनुसार शनिवार देर रात भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यालय मंत्री श्रीमती बृजुला सचान अपने परिवार के साथ पिपरिया से शादी समारोह से लौट रहे थे, तभी औवेदुल्लागंज और मंडीदीप थाने के बीच उनका वाहन ट्रकों से बचाने के चक्कर में पुलिया पर चढ़ गया। गाड़ी में एक दर्जन लोग सवार थे। वाहन के पुलिया पर चढ़ते ही चीख-पुकार मच गई। समय रहते रायसेन पुलिस कंट्रोल रूप और दोनों थाना पुलिस को सूचना दी गई। घटना स्थल ओबेदुल्लागंज थाने से 5 किमी और मंडीदीप थाने से 7 किमी की दूरी पर था। दो घंटे तक जब पुलिस का कोई नुमाइंदा मदद के लिए नहीं पहुंचा तो रायसेन पुलिस अधीक्षक दीपक वर्मा को सूचना दी गई। इसके एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची। यात्रियों की मदद करने की वजाए दोनों थानों के पुलिस जवान सीमा विवाद में उलझ गए। घटना स्थल औबेदुल्लागंज थाना क्षेत्र में था। वाहन को निकालने के लिए क्रेन की जरूरत थी, लेकिन औबेदुल्लागंज थाना पुलिस ने क्रेन की व्यवस्था करने से हाथ खड़े कर दिए। श्रीमती सचान ने बताया कि इसके बाद अनुविभागीय पुलिस अधिकारी श्री मरावी को भी घटना की सूचना दी और मौके पर क्रेन की व्यवस्था करने की मांग की, लेकिन दोनों थाना प्रभारियों को निर्देशित करने की बात कही। बताया गया कि मंडीदीप में कई क्रेन हैं, लेकिन मंडीदीप थाना प्रभारी नरेन्द्र राठौर ने थाना क्षेत्र का मामला नहीं होने की वजह से यात्रियों की मदद में कोई रुचि नहीं ली। भाजपा नेत्री ने बताया कि मंडीदीप थाना प्रभारी का कहना था कि लोगों की जिंदगी से ज्यादा हमारे लिए मुख्यमंत्री का काफिला निकालना जरूरी है। यात्रियों से ज्यादा सीएम का निकालना जरूरी मंडीदीप थाना प्रभारी नरेन्द्र राठौर ने बताया कि जब हादसे की सूचना आई, उस समय मुख्यमंत्री के काफिले को उस मार्ग से निकलना था। बतौर थाना प्रभारी यात्रियों की जान बचे या जाए इससे नौकरी पर कोई फर्क नहंी पड़ेगा, सीएम का सुरक्षित निकालन जरूरी है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मंडीदीप में से महज 100 मीटर की दूरी पर ही के्रन खड़ी थीं, यदि थाना प्रभारी चाहते तो पुलिया पर फंसी गाड़ी को निकालने के लिए क्रेन भेज सकते थे। चार घंटे तक पुलिस की प्रतीक्षा करने के बाद श्रीमती सचान के परिजनों ने राहगीर की मदद से मंडीदीप थाने के पास से भाड़े पर क्रेन बुलवाई, तब जाकर रात 1 बजे करीब रवाना हो सके थे। पुलिस को तत्पर मदद करना चाहिए। थाना प्रभारी ने मदद के लिए क्रेन क्यों नहीं भिजवाई, इससे संंबंध में पूछताछ की जाएगी। सुधीर सक्सेना आईजी होशंगाबाद
नेता हमेशा झूठ बोलते हैं,हमारे ड्यूटी इन्स्पेक्टर ने निकलवाई गाडी पूरी रात वह खड़ा रहा- सज्जन सिंह मुकाती.थाना प्रभारी ओबेदुल्लागंज
लेकिन ब्रिजुला सचान ने इस बयान का झूठा बताया किसी राहगीर द्वारा मदद की बात कही.