नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय भूविज्ञानी प्रोग्रामिंग बोर्ड (सीजीपीबी) की गुरुवार को विज्ञान भवन में आयोजित 54वीं बैठक से अलग केंद्रीय इस्पात और खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने घोषणा कि खान मंत्रालय ने प्रमुख खनिजों की वर्तमान सूची के 31 अतिरिक्त खनिजों को गौण खनिज के रूप में अधिसूचित करने का फैसला किया है। इसके बारे में जल्दी ही अधिसूचना जारी की जाएगी।
तोमर ने कहा कि इसका उद्देश्य राज्यों को और अधिक अधिकार देना और देश में खनिज विकास की प्रक्रिया को बढ़ाना है। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि देश के खनिज सूची के आंकड़ों को बढ़ाने के लिए भारत सरकार भविष्य के खोज कार्य के लिए पीएसयू को अधिसूचित करने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की जी-1 और जी-2 स्तर खोज करने की योजना है। जीएसआई अब तक जी-3 और जी-4 स्तर की खोज करती है।
गौण खनिज के नियामक और प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र राज्य सरकार के अंतर्गत आते हैं। इसमें नियम बनाने के अधिकार, रॉयल्टी की दरें तय करना, जिला खनिज फाउंडेशन में योगदान और खनिज रियायत के लिए अनुमति की प्रक्रिया आदि शामिल है।
यह 31 खनिज कुल लीज संख्या के 55 प्रतिशत से अधिक के लिए और कुल लीज क्षेत्र के करीब 60 प्रतिशत है। इस फैसले से राज्यों को स्थानीय स्थिति के अनुसार नियामक ढांचा तैयार करने के अधिकार मिलेंगे।
54वीं केंद्रीय भूवैज्ञानी प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक (सीजीपीबी) को संबोधित करते हुए तोमर ने भूवैज्ञानिकों और राज्य के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वह प्रत्येक गतिविधि को पूरा करने के लिए एक समय-सीमा का निर्धारण करें।
खनन क्षेत्र की रोजगार क्षमता को रेखांकित करते हुए तोमर ने कहा, “कृषि के बाद खनन क्षेत्र देश में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है। चूंकि भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र है, यहां अपार खनिज क्षमता है, ऐसे में हमें अपनी इस ताकत का इस्तेमाल वर्तमान प्रतिस्पर्धा में देश को आगे बढ़ाने के लिए करना चाहिए।”
सीजीपीबी, जीएसआई का वह मंच है जिसमें इसके वार्षिक कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाता है। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों, अन्वेषण एजेंसियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।