भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) – राष्ट्रीय विरासत के लिए जिम्मेदार सरकारी एजेंसी – के तहत आने वाले कम से कम 24 स्मारक लुप्त हैं। इनमें से करीब आधे उत्तर प्रदेश से हैं। यह जानकारी 1 अगस्त, 2016 को लोक सभा में दिए गए एक जवाब में सामने आई है।
लुप्त स्मारको में महाराष्ट्र का प्रागैतिहासिक मेगालिथ, उत्तर प्रदेश में रॉक शिलालेख, मेगालि, बौद्ध और हिंदू मंदिर खंडहर, असम में 16 वीं सदी के अफगान सम्राट शेरशाह की बंदूकें, हरियाणा में मध्ययुगीन मील के पत्थर (कोस मीनार) और उत्तराखंड में एक मंदिर और और विविध कब्रिस्तान, कब्रिस्तान और अन्य खंडहर शामिल हैं।
लुप्त स्मारकों को पहले “अनुसरणीय” घोषित किया गया है¸ जिसके बाद एक विस्तृत प्रक्रिया शुरू होती है। संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री, महेश शर्मा ने एक बयान में लोकसभा को बताया, “अनुसरणीय स्मारकों पता लगाने की प्रक्रिया में पुराने रिकॉर्ड, राजस्व नक्शे, चर्चा की गई प्रकाशित रिपोर्ट का सत्यापन, भौतिक निरीक्षण और लुप्त स्मारकों का पता लगाने के लिए टीमों की तैनाती शामिल है।”
जैसा कि कई स्मारकों की निगरानी नहीं होती या भौतिक रुप से संरक्षित नहीं होती है, कई स्मारक, या तो निर्माण सामग्री के रूप में या कस्बों और शहरों के विस्तार में स्थान उपलब्ध कराने के लिए ध्वस्त किए गए हैं या गिर गए हैं। शर्मा के बयान के अनुसार, एएसआई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत एक उपग्रह आधारित मानचित्र तैयार किया जाएगा जिसमें केंद्र द्वारा रखरखाव किए जाने वाले सभी सुरक्षित, प्रतिबंधित और विनियमित इलाकों-स्मारकों को शामिल किया जाएगा।
इस तरह के कम से कम 3686 स्मारकों पर इसरो द्वारा नज़र रखी जाएगी।
शर्मा ने लोकसभा को एक और जवाब में बताया कि सरकार ने राष्ट्र स्तर पर एएसआई संरक्षण के लिए 17 साइटों को भी जोड़ा है।
इनमें बी आर अम्बेडकर, जिन्हें भारतीय संविधान के जनक के रुप में माना जाता है, उनका जन्म के स्थान, मदन मोहन मालवीय , स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद् का जन्म स्थान, और द्वारकानाथ कोटनिस , एक भारतीय चिकित्सक जिन्हें 1938 के चीन-जापान युद्ध के दौरान उनकी सेवाओं के लिए चीन में याद किया जाता है, उनका जन्म स्थान शामिल है। सुरक्षा के लिए उद्धृत अन्य स्मारकों में बड़े पैमाने पर हिंदू और बौद्ध मंदिर शामिल हैं।
यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 2 अगस्त 16 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।