नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने किसानों के समर्थन में बनाई गई टूलकिट संबंधी ममले में गिरफ्तार की गई युवा पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को जमानत दे दी है.
दिशा को 23 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में लिया गया था और मंगलवार को उसके ख़त्म होने पर उन्हें मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा के सामने पेश किया गया था और पुलिस ने चार दिन की कस्टडी की मांग की थी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस को हिरासत नहीं मिली क्योंकि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दिशा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानत बॉन्ड भरने की शर्त पर जमानत दे दी थी.
दिशा की ओर से पेश वकील अभिनव सेखरी ने इस राशि को पचास हजार रुपये करने की गुजारिश की थी, जिससे अदालत ने इनकार कर दिया.
राणा ने अपने आदेश में कहा कि मामले की अधूरी और अस्पष्ट जांच के मद्देनजर उन्हें ऐसा कोई ठोस कारण नजर नहीं आता जिसके चलते 22 साल की एक लड़की, जिसका अपराध का कोई पूर्व-इतिहास नहीं है, के लिए जमानत के नियम को तोड़ा जाए.
इससे पहले शनिवार 20 फरवरी को दिशा रवि की ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आरोप लगाया था कि ‘यह केवल टूलकिट के बारे में नहीं है. असली योजना भारत को बदनाम करने और यहां अस्थिरता लाने की थी.’
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले टूलकिट को साझा करने में कथित भूमिका के चलते 14 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था.
पुलिस का दावा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा समेत किसान आंदोलन का पूरा घटनाक्रम ट्विटर पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई कथित योजना से मिलता-जुलता है.
यह टूलकिट एक दस्तावेज है, जो ट्विटर पर किसानों के लिए समर्थन जुटाने के लिए और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने जैसे कार्यों का सुझाव देता है. ट्विटर पर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए ग्रेटा ने इस टूलकिट को साझा किया था.
आरोप है कि इस ‘टूलकिट’ में भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश की योजना थी. किसान आंदोलन पर ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, इसमें आपराधिक साजिश और समूहों में दुश्मनी फैलाने का आरोप लगाया गया था.
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि यह टूलकिट एक ऐसे सोशल मीडिया हैंडल से मिला था, जिस पर 26 जनवरी की हिंसा वाली घटनाओं की साजिश फैलाने के संकेत मिले हैं.
वहीं इसी मामले में दिशा रवि के साथ सह आरोपी शांतनु मुलुक ने अग्रिम जमानत के लिए मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
मुलुक द्वारा दिए गए आवेदन पर बुधवार को अतिरिक्त सत्र जज धर्मेन्द्र राणा की अदालत में सुनवाई होने की संभावना है.
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने 16 फरवरी को मुलुक को दस दिन के लिए ट्रांजिट जमानत दी थी.
मुलुक, दिशा रवि और एक अन्य आरोपी निकिता जैकब पर राजद्रोह तथा अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मुलुक और जैकब फिलहाल ट्रांजिट जमानत पर हैं. मुलुक और जैकब सोमवार को टूलकिट मामले की जांच में शामिल हुए थे. द्वारका में दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के कार्यालय में उनसे पूछताछ की गई.
पुलिस ने आरोप लगाया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के नाम पर भारत में हिंसा और अशांति फैलाने की साजिश के तहत यह टूलकिट तैयार की गई.
केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.