नई दिल्ली: कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) के अनुसार, साल 2023 में दुनिया भर में मारे गए 99 पत्रकारों और मीडियाकर्मियों में से तीन चौथाई से अधिक की मौत इज़रायल-गाज़ा युद्ध में हुई.
सीपीजे की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संघर्ष में तीन महीने में इतने पत्रकारों की जान चली गई, जितनी किसी एक देश में पूरे एक साल में कभी नहीं गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, गाज़ा में उनके साथ कई पीड़ित पत्रकारों के परिवार भी मारे गए, साथ ही उनके सहयोगी या तो मारे गए या भाग गए.
रिपोर्ट कहती है कि हालांकि इज़रायली सैन्य अधिकारियों ने पत्रकारों को निशाना बनाने से इनकार कर दिया, या फिर जब स्वीकार किया तो उन्होंने बहुत कम की ही जानकारी प्रदान दी.
भारत उन देशों में शामिल है, जहां 1997 से 2023 तक लगातार पत्रकारों की हत्याएं होती रही हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सूची के अन्य देशों में इराक, फिलीपींस, मेक्सिको, पाकिस्तान और सोमालिया के नाम शामिल हैं.