नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय नवीन व अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव आनंद कुमार ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार ने अक्षय ऊर्जा के क्षमता बढ़ाकर 2022 तक 175 गीगावाट करने को जो लक्ष्य तय किया है, उसे हासिल करना दुष्कर नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह अक्षय ऊर्जा के प्रति देशभर में रुझान देखा जा रहा है और इसकी क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम हो रहा है, उससे निर्धारित समय से पहले हम 175 गीगा वाट की क्षमता प्राप्त कर लेंगे।
कुमार ने कहा कि जब तक अक्षय ऊर्जा के संग्रहण यानी स्टोरेज की समस्या का निदान नहीं हो जाता, तब तक ऊर्जा के परंपरागत स्रोत पर भारत की निर्भरता समाप्त नहीं हो सकती।
ऊर्जा व पर्यावरण संबंधी अनुसंधान कार्य से जुड़े संस्थान ‘द एनर्जी रिसोर्सेस इंस्टिट्यूट’ यानी टेरी की ओर से प्रकाशित सालाना रिपोर्ट ‘टेरी इनर्जी एंड एन्वायरमेंट डाटा डायरी एंड ईयरबुक 2016-17’ के अनावरण के मौके पर आईएएनएस से बातचीत में कुमार ने कहा कि ऊर्जा के संग्रहण के लिए लीथियम की जरूरत होती है, जो काफी महंगा है।
उन्होंने कहा, “ऊर्जा संग्रहण की समस्या का समाधान की दिशा में काम चल रहा है और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा की हमारी क्षमता में लगाता बढ़ोतरी हो रही है।”