रायपुर, 21 फरवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के बस्तर की प्राणदायिनी नदी इंद्रावती में पाई जाने वाली तथा बस्तर शार्क के नाम से चर्चित बोध मछलियों का इन दिनों जमकर शिकार हो रहा है। सूबे के बस्तर जिले में बीते शुक्रवार को बारसूर बाजार में 7-8 किलो वजनी कई बोध मछलियां बिकने आईं। एक-एक मछली दो-दो हजार रुपये में0 बिकी।
वहीं छोटी बोध को सौ रुपये प्रति नग की दर से लोगों ने खरीदा। चित्रकोट-बारसूर इलाके में पाई जाने वाली बोध मछलियां 150 किलो तक की पाई गई है।
देश की ब्रह्मपुत्र व गोदावरी के अलावा बस्तर की इंद्रावती नदी में चित्रकोट जलप्रताप के नीचे से लेकर इंद्रावती-गोदावरी नदी के संगम तक ‘कैटफिश’ नामक मछली पाई जाती है। प्राणि विज्ञानी इसे बोमरियस कहते हैं। बारसूर क्षेत्र के लोग कैटफिश को बोध या बोधुम मछली के नाम से जानते हैं।
इस मछली की अधिकता के कारण ही बारसूर के पास साताधार इलाके को बोधघाट कहा जाता है। चित्रकोट-बारसूर इलाके में पाई जाने वाली बोध मछलियां 150 किलो तक की पाई गई हैं।
बीते शुक्रवार को बारसूर बाजार में ग्राम सड़ार, कौशलनार के ग्रामीण कई बोध मछलियां लेकर पहुंचे थे। सड़ार के मुन्ना ने बताया कि ये मछलियां दोपहर में इंद्रावती नदी में पकड़ी गई थीं। करीब आठ किलो वजनी एक बोध मछली दो हजार रुपये प्रति नग की दर से बिकी। वहीं छोटी बोध सौ से चार सौ रुपये तक में बिकी।
मांग को देखते हुए स्थानीय मछली विक्रेता बोध को बर्फ में दबाकर रखते हैं और बाहर भी भेजते हैं।
इंद्रावती में दोपहर 12 बजे पकड़ी गईं बोध मछलियां पानी के बाहर रखने के बावजूद 24 घंटे बाद भी जिंदा थीं।
ग्रामीणों ने बताया कि यह जीवट मछली पानी के बाहर भी लंबे समय तक जीवित रहती है। इसके मुंह में चारा डालने पर उसे निगल लेती है। पानी के बाहर लंबे समय तक जीवित रहने के कारण ही इसे जिंदा खरीदने वाले ग्राहक बड़ी संख्या में मिल जाते हैं।