अनिल सिंह (भोपाल)– भोपाल की बहुप्रतीक्षित योजना मेट्रो रेल के लिए योजना जल्द ही तैयार हो जायेगी.इस योजना के लिए डीपीआर बनाने का कार्य पूरा होने में 2 महीने का समय लगने की संभावना है.भोपाल के उपनगरों को जोड़ने और त्वरित एवं सस्ता साधन प्रदान करने वाली इस पर्यावरण हितैषी योजना पर कार्य तीव्र गति से चल रहा है.
80 किलोमीटर की इस योजना पर 250 करोड़ प्रति किलोमीटर की दर से खर्च आने की संभावना है.यानी यह 20 हजार करोड़ की योजना भोपाल और आस-पास के क्षेत्रों के लिए सौगात होगी.इसके लिए जमीन चिन्हित करने का कार्य कर लिया गया है और अधिग्रहण की तैयारियां चल रही हैं.मेट्रो रेल की योजना के लिए 1000 एकड़ जमीन की जरूरत बाताई जाती है लेकिन अकेली 5000 एकड़ जमीन सीहोर की बंद पड़ी शुगर फेक्ट्री की जमीन के रूप में चिन्हित कर ली गयी है.जहाँ स्मार्ट सिटी की परिकल्पना आकार लेने वाली है.
पीपीपी मोड पर किया जाएगा इसका निर्माण
20 हजार करोड़ की इस योजना के लिए धन पीपीपी योजना के तहत जुटाया जाएगा.इसके बदले निर्माण कम्पनी को मेट्रो स्टेशनों को व्यावसायिक उपयोग में लाने की छूट प्रदान करने के लिए चर्चा शासन स्तर पर है.मेट्रो परियोजना को स्मार्ट सिटी से जोड़ा जाएगा एवं इसका एक मेट्रोपोलिंन क्षेत्र बनाया जाएगा.इस पीपीपी मोड में केंद्र सरकार,राज्य सरकार एवं निर्माण एजेंसी मिल कर रूपया लगाएंगी.
मेट्रो डेवलपमेंट अथारिटी बनायी जायेगी
मुम्बई की तर्ज पर भोपाल में भी मेट्रो डेवलपमेंट अथारिटी बनायी जायेगी जो मेट्रो परियोजना निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी.यह विभिन्न निकायों से संयोजन का कार्य मेट्रो परियोजना के लिए भी करेगी.इसका ढाँचे का गठन विधानसभा में अधिनियम पास करवा किया जाएगा.
भोपाल और आस-पास के शहर होंगे शामिल जुड़ने वाले शहरों में सीहोर,विदिशा,रायसेन,ओबेदुल्लागंज,श्यामपुर,दोराहा नगर शामिल होंगे.बुधनी को अभी शामिल करने पर विचार चल रहा है,नरसिंहगढ़ को इस योजना से दूर रखा गया है. इंदौर क्षेत्र में महू,सिमरोल,पीथमपुर,देवास शामिल हैं.उज्जैन का नाम अभी चर्चा में है.